सार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को विधायक दल की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने विधानसभा सत्र में विधायकों से एकजुटता दिखाने की अपील की। बैठक में विधायकों ने पायलट खेमे पर जल्द कार्रवाई करने की भी मांग की।
जयपुर. राजस्थान में सियासी संकट खत्म होता नजर नहीं आ रहा। सचिन पायलट समेत 19 विधायकों के बागी तेवरों के बाद अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को विधायक दल की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने विधानसभा सत्र में विधायकों से एकजुटता दिखाने की अपील की। बैठक में विधायकों ने पायलट खेमे पर जल्द कार्रवाई करने की भी मांग की।
गहलोत खेमे के विधायक अभी जैसलमेर में हैं। यहां पहुंचकर अशोक गहलोत ने विधायकों से बात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट खेमे पर कार्रवाई की की मांग की गई। बताया जा रहा है कि अब राजस्थान कांग्रेस हाईकमान के सामने पायलट खेमे की वापसी को लेकर कोई चर्चा नहीं करेगी। अब बागी गुट पर ही फैसला लेने के लिए छोड़ दिया गया है।
जैसी एकजुटता अभी दिखाई, वैसे ही आगे दिखानी होगी- गहलोत
सीएम गहलोत ने रविवार को कहा, विधायकों ने जैसी एकजुटता अभी तक दिखाई है, वैसी ही विधानसभा सत्र में दिखानी होगी। उन्होंने कहा, हम सब लोकतंत्र के योद्धा हैं। यह लड़ाई हम जीतने जा रहे हैं। राज्य में साढ़े तीन साल बाद ही अगले चुनाव होंगे। हम उन्हें जीतेंगे।
विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं गहलोत
राजस्थान में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच चले गतिरोध के बाद अब 14 अगस्त को विधानसभा का सत्र बुलाया गया है। गहलोत इस सत्र में विश्वास मत रखने और अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए उत्सुक हैं। अगर वे जीत जाते हैं तो उन्हें 6 महीने तक चुनौती नहीं दी जा सकती। अशोक गहलोत का दावा है कि उनके पास 102 विधायकों का समर्थन है जो बहुमत से ऊपर है। भाजपा के 72 विधायक हैं। संकट के बीच दोनों दल अपने विधायकों की रखवाली कर रहे हैं।
भाजपा ने शिफ्ट किए अपने विधायक
इससे पहले शनिवार को राजस्थान में भाजपा ने अपने 6 विधायकों को सत्र से पहले गुजरात के पोरबंदर में शिफ्ट कर दिया। वहीं, सचिन पायलट के बागी होने के बाद पिछले महीने उप मुख्यमंत्री के पद से उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था। उनके कैंप में 19 विधायक हरियाणा स्थित एक रिजॉर्ट में ठहरे हुए हैं।