सार
राजस्थान में 33 दिन से जारी सियासी संकट खत्म होता नजर आने लगा है। बागी सचिन पायलट ने सोमवार को कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी और प्रियंका से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने कहा, जिन लोगों ने पार्टी के लिए मेहनत की है, उनकी भागीदारी सरकार में हो।
जयपुर. राजस्थान में सचिन पायलट की पार्टी आलाकमान से मुलाकात के बाद 33 दिन से जारी सियासी संकट खत्म होता नजर आने लगा है। इसी बीच सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा, कांग्रेस ने विधायकों की शिकायत दूर करने के लिए तीन सदस्यों की कमिटी बनाई है। मुद्दों का उठना जरूरी है। राजनीति में कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती है। हमारी बैठक में प्रियंका और राहुल गांधी ने धैर्यपूर्वक शिकायतें सुनीं और उन्हें हल करने का आश्वासन दिया।
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा निकम्मा, नकारा जैसे शब्दों के इस्तेमाल को लेकर सचिन पायलट ने कहा, मैंने अपने परिवार से कुछ संस्कार हासिल किए हैं। कितना भी मैं किसी का विरोध करूं, किसी भी दल का नेता हो मेरा कट्टर दुश्मन भी हो लेकिन मैंने कभी ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया। अशोक गहलोत जी उम्र में मुझसे काफी बड़े हैं और व्यक्तिगत रूप से मैंने उनका सम्मान ही किया है। लेकिन अगर कुछ गलत होता है तो विरोध करना मेरा अधिकार है। उन्होंने कहा, अपने लिए इस तरह की भाषा सुनकर दुख तो सभी को होता है। लेकिन मैं उसपर जवाब दूं, ये अब ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, जो आरोप लगाए गए, उसका सच सबके सामने आ चुका है।
पार्टी में शांति, भाईचारा, सद्भाव रहेगा- गहलोत
वहीं, सीएम गहलोत ने कहा, पार्टी में शांति, भाईचारा, सद्भाव रहेगा। तीन लोगों की कमेटी बनी है, उनकी कोई शिकायतें होंगी तो वो उनको बता देंगे। 100 से ज्यादा विधायकों का इतने समय तक एक साथ रहना इतिहास बन गया है, एक आदमी टूट कर नहीं गया।
'भाजपा को मुंह की खानी पड़ी'
उन्होंने कहा, जो लोग आएं हैं वो किन परिस्थितियों में गए थे, उनसे क्या वादें किए गए थे, उन्हें मुझसे क्या नाराजगी है उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा, भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। अब संकट लोकतंत्र को बचाने का है। आयकर, ED और CBI का दुरुपयोग चुन-चुन कर और बेशर्मी से हो रहा है। केंद्र में इतनी बेशर्म सरकार आई है कि लोग क्या कहेंगे चिंता ही नहीं है, जब आप(बीजेपी) धर्म के नाम पर राजनीति करोगे तो ये जो भावना है कि परवाह ही मत करो लोग क्या कहेंगे, धर्म के नाम पर बांटो, चुनाव जीत के आओ।
जयपुर लौट सकते हैं पायलट
राहुल गांधी और प्रियंका से बातचीत के बाद बागी सचिन पायलट आज जयपुर लौट सकते हैं। पायलट करीब एक महीने से राज्य से बाहर बागी विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसलमेर में ठहरे अपने खेमे के विधायकों से मुलाकात करेंगे। यहां वे उन्हें पार्टी के फैसले के बारे में बताएंगे। माना जा रहा है कि सचिन की शर्तों को आलाकमान ने मान लिया है। वे जल्द ही कांग्रेस के बड़े पद पर दिख सकते हैं।
पार्टी पद दे सकती है तो ले भी सकती है- सचिन पायलट
इससे पहले सचिन पायलट ने सोमवार को कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी और प्रियंका से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने कहा, जिन लोगों ने पार्टी के लिए मेहनत की है, उनकी भागीदारी सरकार में हो। उन्होंने कहा, उनकी लड़ाई पद के लिए नहीं, आत्मसम्मान के लिए थी। पार्टी अगर पद दे सकती है तो ले भी सकती है।
पायलट ने कहा, जो वादे सत्ता में करके आए थे, वो पूरा करेंगे। उन्होंने कहा, राहुल गांधी और प्रियंका से मुलाकात के दौरान मैंने अपनी बात बेबाकी से रखी। मुझे खुशी है कि कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने विस्तार से चर्चा की। साथी विधायकों की बातों को हमने सामने रखा।
कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के बागी विधायकों से की मुलाकात।
'मान-सम्मान-स्वाभिमान की बात बनी रहे'
पायलट ने कहा, मुझे कभी पद की चाहत नहीं रही। लेकिन मैं चाहता था कि मान-सम्मान-स्वाभिमान की जो बात हम करते हैं, वो बनी रहे। पार्टी के लिए मेहनत करने वाले लोगों की हिस्सेदारी, भागेदारी सुनिश्चित की जाए। मुझे विश्वास है कि मेरी शिकायत का समाधान होगा।
सोनिया ने बनाई तीन सदस्यीय टीम
कांग्रेस में मौजूदा संकट को निपटाने के लिए सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। इस टीम ने सचिन खेमे के विधायकों से मुलाकात भी की है। टीम बागी विधायकों के मुद्दों का उचित समाधान करने में मदद करेगी।
इन वजहों से सुलह के लिए तैयार हुए पायलट
माना जा रहा है कि पायलट गुट की कांग्रेस में घर वापसी हो सकती है। इसके पीछे कुछ वजह सामने आ रही हैं। सरकार गिराने के मामले में जांच कर रही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी है। इसमें विधायकों के ऊपर से राष्ट्रद्रोह का मामला हटा है। ऐसे में विधायकों को राहत मिली है। वहीं, रविवार को विधायक दल की बैठक में भी अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि बागियों पर आलाकमान का जो फैसला होगा, उन्हें मंजूर होगा।