सार
राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बगावती तेवरों ने अशोक गहलोत सरकार और कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी हैं। सचिन पायलट ने दावा किया है कि उनके पास करीब 30 से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों और कुछ निर्दलीयों का समर्थन है।
जयपुर. राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बगावती तेवरों ने अशोक गहलोत सरकार और कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी हैं। सचिन पायलट ने दावा किया है कि उनके पास करीब 30 से ज्यादा कांग्रेसी विधायकों और कुछ निर्दलीयों का समर्थन है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा, अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है। उधर, अशोक गहलोत का कहना है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है, उन्हें 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
उधर, पायलट की नाराजगी के बीच अशोक गहलोत ने विधायक दल और मंत्रियों की बैठक बुलाई है। सचिन पायलट ने साफ इनकार कर दिया है कि वे इसमें शामिल नहीं होंगे। पार्टी सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गहलोत बागी पायलट पर कार्रवाई करने का मन बना चुके हैं। अगर पायलट और अन्य विधायक बैठक में शामिल नहीं होते तो उनपर कार्रवाई की जा सकती है। यहां तक की पायलट का प्रदेश अध्यक्ष पद भी खतरे में आ सकता है।
क्या है मनमुटाव की वजह?
सचिन पायलट ने अपने बगावती सुर भले ही 2 दिन पहले दिखाए हों। लेकिन अशोक गहलोत और उनके बीच विवाद किसी से छिपा नहीं है। दोनों के बीच इस खटपट की शुरुआत 2018 में ही हो गई थी। यूं कहें तो आज के संकट की स्क्रिप्ट 2018 में उस दिन लिख गई थी, जब पार्टी ने सचिन पायलट को नजरअंदाज कर अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था। इसके बाद से दो साल तक दोनों के बीच रस्साकशी चलती रही। यह अब खुलकर सामने आ गई।
सचिन पायलट के नेतृत्व में लड़ा गया था चुनाव
सचिन पायलट 2014 से राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में ही राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी। लेकिन जब मुख्यमंत्री बनने की बात आई तो अशोक गहलोत का नाम आगे गया। उस वक्त नाराज होकर पायलट दिल्ली पहुंच गए। यहां आलाकमान ने उन्हें काफी समझाया और अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाने के लिए राजी किया। तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने दोनों नेताओं से लंबी बातचीत के बाद एक फोटो ट्वीट की थी। इसमें राहुल के साथ गहलोत और पायलट नजर आ रहे थे। इसमें कैप्शन में लिखा था, द यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान। लेकिन अब ये कलर बदलते हुए नजर आ रहे हैं।
क्या है ताजा विवाद की जड़?
गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर ही असल झगड़ा है। इस झगड़े में आखिरी कील राजस्थान पुलिस के ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी के एक नोटिस ने ठोकी। दरअसल, राजस्थान सरकार ने एसओजी को सरकार गिराने की साजिशों की जांच करने का जिम्मा सौंपा है। एसओजी ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को नोटिस भेजा है। इसमें पूछताछ के लिए समय मांगा गया है। बताया जा रहा है कि इस नोटिस से ही सचिन पायलट नाराज हैं।
गहलोत ने की डैमेज कंट्रोल की कोशिश
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन्होंने कांग्रेस विधायकों को 25 करोड़ रुपए देने की पेशकश की। इस नोटिस को लेकर गहलोत का कहना है कि जांच के दौरान यह सामान्य प्रक्रिया है। उन्हें भी नोटिस भेजा गया है। मीडिया इस मामले को तूल देने की कोशिश कर रही है।