राजस्थान में सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सिंधिया ने कहा, यह देखकर दुखी हूं कि कांग्रेस में किस तरह से मेरे पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को दरकिनार किया गया है।

नई दिल्ली. राजस्थान में सियासी उठापटक जारी है। इसी बीच कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सिंधिया ने कहा, यह देखकर दुखी हूं कि कांग्रेस में किस तरह से मेरे पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को दरकिनार किया गया है।

सिंधिया ने कहा, यह देखकर दुखी हूं कि मेरे पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को किस तरह से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार कर दिया गया। यह दिखाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता को पर कितना कम भरोसा दिखाया जाता है। 

Scroll to load tweet…


क्या है मामला? 
राजस्थान सरकार में कुछ ठीक नहीं चल रहा। इसका कारण है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच अनबन है। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट नाराज चल रहे हैं। वे 24 विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मुलाकात कर सकके हैं। यह भी बताया जा रहा कि पायलट ने राज्य के किसी भी नेता का फोन नहीं उठाया है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में पायलट के साथ 15 विधायक होने की भी बात कही जा रही है। 

कांग्रेस ने भेजा केंद्रीय नेतृत्व
सीएम अशोक गहलोत ने सभी विधायकों और मंत्रियों की जयपुर में बैठक बुलाई है। उधर, कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन को जयपुर पहुंचने के लिए कहा है। ये दोनों नेता राजस्थान कांग्रेस के इंचार्ज अवीनाश पांडे के साथ बैठक में मौजूद रहेंगे।

गहलोत ने लगाए भाजपा पर आरोप
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा पर सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि इन्होंने कांग्रेस विधायकों को 25 करोड़ रुपए देने की पेशकश की। जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत से पायलट की नाराजगी को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, कौन मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता। हमारी पार्टी में 4-5 मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। लेकिन बन तो एक ही सकता है।