सार
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के भीतरखाने में एक बार फिर भूचाल आया है। अशोक गहलोत व सचिन पायलट खेमा आमने सामने तो है ही, गहलोत समर्थक विधायक केंद्रीय नेतृत्व को भी चुनौती दे रहे हैं। राजस्थान इकाई में आपसी फूट भी उजागर सार्वजनिक हो चुकी है।
Rajasthan Political Crisis:राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर दो दिनों तक चले घमासान से शीर्ष नेतृत्व खासा नाराज है। हालांकि, अध्यक्ष के चुनाव होने तक राजस्थान में सीएम पद पर अशोक गहलोत के ही बने रहने की सहमति सोनिया गांधी ने दी है लेकिन विरोध के नाम पर अनुशासनहीनता करने वाले तीन नेताओं के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शो कॉज नोटिस, केंद्रीय पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे व अजय माकन की लिखित रिपोर्ट मंगलवार को सौंपे जाने के बाद जारी की गई है। राजस्थान सरकार के दो मंत्रियों शांति धारीवाल व महेश जोशी तथा आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ से अनुशासन समिति ने दस दिनों में नोटिस का जवाब देने को कहा है।
डिसीप्लेनरी कमेटी के चेयरमैन को दिल्ली बुलाया गया
कांग्रेस डिसीप्लेनरी कमेटी के चेयरमैन एके एंटोनी है। उनको दिल्ली मुख्यालय बुलाया गया है। मंगलवार की देर रात करीब दस बजे तक एके एंटोनी के दिल्ली पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि दिल्ली पहुंचने के बाद एंटोनी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात देर रात या कल होने की संभावना है। माना जा रहा है कि एंटोनी को अजय माकन की रिपोर्ट पर एक्शन लेने के लिए कहा जा सकता है।
सचिन पायलट भी पहुंच चुके हैं दिल्ली
उधर, राजस्थान के दूसरे खेमे के नेता सचिन पायलट भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। दो दिनों तक राज्य में मचे सियासी घमासान के दौरान पायलट चुप्पी साधे रहे। उधर, गहलोत समर्थक लगातार मुखर होकर केंद्रीय नेतृत्व को चुनौती देते रहे। अब जब मामला थोड़ा शांत हुआ है तो सचिन पायलट दिल्ली पहुंचे हैं।
सीएम हाउस में गहलोत से मिलने पहुंचे 20 विधायक
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मंगलवार को 20 के आसपास कांग्रेस विधायक मुख्यमंत्री आवास उनसे मिलने पहुंचे। इस मुलाकात का सियासी मायने निकाला जा रहा है। यह सभी विधायक गहलोत के खास माने जाते हैं, इनमें से कई मंत्री भी हैं।