सार
कोरोना वायरस और लॉकडाउन का असर अन्य देशों की तरह भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। केंद्र की मोदी सरकार इस संकट से उभरने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। हाल ही में सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रु के आर्थिक पैकेज का भी ऐलान किया था।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस और लॉकडाउन का असर अन्य देशों की तरह भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। केंद्र की मोदी सरकार इस संकट से उभरने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। हाल ही में सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रु के आर्थिक पैकेज का भी ऐलान किया था। इसी क्रम में अर्थव्यवस्था में किस तरह सुधार लाया जाए, इस पर भाजपा से राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और एमएसएमई मंत्रालय को कुछ सुझाव भेजे हैं।
राजीव चंद्रशेखर ने ट्वीट कर लिखा, 14 मई को महिला एंटरप्रेन्योर के साथ चर्चा की थी कि कैसे अर्थव्यवस्था में गति लाई जाएगी। इसके आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर कुछ सुझाव दिए हैं।
भाजपा सांसद ने दिए ये सुझाव
- राजीव चंद्रशेखर ने लिखा, महिला एंटरप्रेन्योर के लिए अलग और समग्र नीति बनाने की जरूरत है। इसके अलावा उन्हें अलग से आर्थिक पैकेज मिले, जिससे वे अपने बिजनेस को फिर से रफ्तार दे सकें।
- इस कोरोना लॉकडाउन के दौरान और बाद में महिला एंटरप्रेन्योर को वर्किंग कैपिटल की जरूरत होगी, जिससे वे प्रोडक्शन, रेंट और सैलरी में आ रहीं समस्याओं को कम कर सकें। मांग बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उच्च स्तर पर आर्थिक नीति लागू करके ग्राउंड लेवल पर अधिकतम फायदा लिया जा सकता है।
- कंपनियों के लिए ईएसआई और पीएफ में छूट के नियमों को और बढ़ाना चाहिए। जिससे वे पुराने नुकसान की भरपाई कर सकें।
- कई एंटरप्रेन्योर ने एसएफसी लोन ले रखा है। ब्याज के भुगतान का समय बढ़ाना चाहिए और री पेमेंट को भी बिल में छूट के तौर पर लिया जाना चाहिए।
- सामान्य तौर पर 1 अप्रैल से वेतन बढ़ता है। बिजनेस ना होने के चलते इसे भी टालने की जरूरत है।
- राज्यों से सिफारिश की जाए कि वे महिला के एंटरप्रेन्योर के मामलों में दखल दें।
बढ़ाया जाए मोरेटोरियम
- मोरेटोरियम का समय 6-9 महीने बढ़ाया जाए। इस पर ब्याज के अतिरिक्त कोई चार्ज ना लगे। यह भी सामने आया है कि एसबीआई ने ब्याज दरों पर कोई छूट नहीं की है। सूक्ष्म और छोटे उद्योगों को जीएसटी से बाहर किया जाए। यह अतिरिक्त भार है। कई महिला एंटरप्रेन्योर ऑनलाइन सामान नहीं बेचते। जीएसटी पेमेंट की रिसीप्ट पर देय होना चाहिए, नाकि डिस्पेच पर। मौजूदा सिस्टम एंटरप्रेन्योर पर अतिरिक्त भार डाल रहा है।
- सरकारी कार्यक्रमों में ग्रामीण महिला एंटरप्रेन्योर पर अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत है।
- जरूरी सेवाएं, जिन्होंने लॉकडाउन में भी अपने कर्मचारियों का भुगतान किया है उन्हें तुरंत लोन जारी करने की जरूरत है। कोलैटरल फ्री होने के चलते सरकारी योजनाएं ग्रास रूट पर बैकों द्वारा नहीं पहुंच रही हैं। बैंक इनका सम्मान भी नहीं करतीं। इसके अलावा इनकी कागजी कार्रवाई इन्हें और मुश्किल बनाती है।
- इक्विडिटी फंडिंग सपोर्ट- महिलाओं के उद्योगों को इक्विडिटी फंडिंग मिलना काफी कठिन हो गया है।
A- नेशनल बैंक और फंड ऑफ्स फंड्स की जरूरत है। इसमें भारत सरकार पैसा लगाए। जैसे एनआईआईएफ और सिडबी हैं। इनके द्वारा सेबी में रजिस्टर्ड महिला उद्योगों में निवेश की योजना बनाई जाए। ये फंड ऐसे महिला उद्योंगों में मदद देंगे जो इस मुश्किल वक्त में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं।
B- महिला स्टार्टअप्स को DPIIT में रजिस्टर्ड करने के लिए नियम आसान बनाए जाएं। इससे ये उद्योग सरकार से मिलने वाली मदद मिल सके।
एमएसएमई और महिला एंटरप्रेन्योर जो मेरे साथ चर्चा में शामिल थीं वे सभी मेहनती हैं। लेकिन उन्होंने इस मुश्किल वक्त में राज्य सरकार और फाइनेंशियल सेक्टर से सपोर्ट की अपील की है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान में निभाएंगी अहम रोल
राजीव चंद्रशेखर ने आगे लिखा कि मैं निवेदन करता हूं इस मामले में मेरे सुझाव पर गौर करें। इस मुश्किल वक्त में महिला एंटरप्रेन्योर की मदद आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम होगा।
पीएम मोदी ने किया था आर्थिक पैकेज का ऐलान
कोरोना संकट से निपटने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय जीडीपी का 10% का यह आर्थिक पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान में अहम कदम साबित होगा।