सार

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष के वकील रहे राजीव धवन ने कहा कि देश की शांति और सौहार्द्र को हमेशा हिंदू ही बिगाड़ता है। मुसलमानों ने ऐसा काम कभी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के साथ इंसाफ नहीं हुआ है। एक प्राइवेट न्यूज चैनल से बात करते हुए राजीव धनव ने यह बातें बोली।

नई दिल्ली. रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष के वकील रहे राजीव धवन ने कहा कि देश की शांति और सौहार्द्र को हमेशा हिंदू ही बिगाड़ता है। मुसलमानों ने ऐसा काम कभी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के साथ इंसाफ नहीं हुआ है। एक प्राइवेट न्यूज चैनल से बात करते हुए राजीव धनव ने यह बातें बोली।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दायर करेगा पुनर्विचार याचिका
राजीव धवन का यह बयान तब आया, जब कुछ देर पहले ही अयोध्या मसले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या पर सुप्रीम फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कही। लॉ बोर्ड ने कहा, "हम अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करेंगे। दिसंबर के पहले हफ्ते में बाबरी मस्जिद केस में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे। सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा याचिका दाखिल न करने के फैसले से कानूनी रूप से असर नहीं पड़ता। सब मुस्लिम संगठन साथ हैं।

कौन हैं राजीव धवन
4 अगस्त 1946 को जन्में राजीव धवन ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई करने के बाद कैंब्रिज और लंदन यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई की। साल 1992 से लॉ की प्रैक्टिस शुरू की थी। सीनियर वकील और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के साथ भी काम कर चुके हैं। 1994 से बाबरी मस्जिद केस पर काम कर रहे हैं। इनकी गिनती देश के सबसे वरिष्ठ वकीलों में होती है। ये सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील हैं, साथ ही ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट और इंटरनेशनल कमिशन ऑफ ज्यूरिस्ट के कमिश्नर भी हैं। 

27 किताब लिख चुके हैं
राजीव धवन ने कानून पर कई किताब भी लिखी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने अब तक 27 किताबें लिखी हैं। उनके पिता शांति स्वरूप धवन भी एक वकील थे, बाद में जज भी बने। 

कोर्ट में जज से भिड़ जाते हैं धवन, ऐसी थी कॉलेज लाइफ
राजीव अपने सख्त मिजाज के लिए जाने जाते हैं। कई बार बहस के दौरान ये जजों से भी उलझ चुके हैं। 2013 में 2 जी मामले की सुनवाई के समय जस्टिस जीएस. सिंघवी से इनकी तीखी बहस हो गई थी। इसके बाद 2014 में जस्टिस केएस. राधाकृष्णन और जस्टिस खेहर से भी बहस हुई थी। सख्त मिजाज के राजीव कॉलेज के समय नाटक के शौकीन थे। इलाहाबाद में उन्होंने कई नाटक डायरेक्ट किए और उनमें एक्टिंग भी की। ज्यादातर नाटक शेक्सपीयर के थे।