सार
कक्षा 12 की परीक्षाओं और प्रफेशनल कोर्सेज के लिए एंट्रेस एग्जाम कराने के प्रस्तावों पर चर्चा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों, शिक्षा सचिवों, राज्य बोर्ड्स के चेयरपर्संस ने हिस्सा लिया।
नई दिल्ली. कक्षा 12 की परीक्षाओं और प्रफेशनल कोर्सेज के लिए एंट्रेस एग्जाम कराने के प्रस्तावों पर चर्चा के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) के 12वीं के एग्जाम कराने जाने पर मुहर लग गई है। हालांकि, तारीखों और फॉर्मेट अभी तय नहीं हुआ है। लेकिन माना जा रहा है कि तारीखों का ऐलान 1 जून को हो सकता है। परीक्षाएं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए जुलाई में कराई जा सकती हैं। वहीं, स्टेट में 12वीं की परीक्षाओं पर फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है।
इस बैठक में सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों, शिक्षा सचिवों, राज्य बोर्ड्स के चेयरपर्संस ने हिस्सा लिया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी भी इस बैठक में शामिल हुईं। बैठक के दौरान 12वीं के बोर्ड एग्जाम को लेकर केंद्र सरकार ने दो प्रस्ताव रखे। हालांकि, दिल्ली की सरकार ने दोनों प्रस्तावों को मानने से इनकार कर दिया।
क्या हैं केंद्र के प्रस्ताव?
पहला- हम 12वें के स्टूडेंट्स का एग्जाम लें, मगर बाद में सिर्फ मेन सब्जेक्ट के। 200 में से 20 मेजर सब्जेक्ट के एग्जाम लें। इस विकल्प के तहत परीक्षा करवाने के लिए प्री-एग्जाम के लिए 1 महीना, परीक्षाओं से लेकर रिजल्ट तक 2 महीने और कंपार्टमेंट एग्जाम के लिए 45 दिनों का समय चाहिए।
दूसरा- परीक्षा लें लेकिन पैटर्न बदलें। स्कूल में ही एग्जाम हों। 3 घंटे की जगह डेढ़ घंटे का ऑब्जेक्टिव टाइप एग्जाम हो। बच्चे तय करें कि वो कितने सब्जेक्ट के एग्जाम देना चाहते हैं। स्कूल ही कॉपी चेक करें।
दिल्ली सरकार ने किया विरोध
दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, दिल्ली सरकार का मानना है कि बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। दिल्ली सरकार किसी भी तरह की परीक्षा करवाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा, कोरोना की अगर तीसरी लहर आएगी तो बच्चों को नुकसान पहुंचाएगी। दिल्ली सरकार किसी भी तरह की परीक्षा कराएं जाने के पक्ष में नहीं है। पहले बच्चों को वैक्सीन की डोज लग जाए उसके बाद परीक्षा लेना सुरक्षित हो जाएगा।
मॉडर्ना से डोज मंगाए सरकार
सिसोदिया ने कहा, केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि केंद्र फाइजर से बात कर 1.5 करोड़ बच्चों और 1.5 करोड़ शिक्षकों के लिए वैक्सीन लेकर आएं, फिर एग्जाम करवाएं।
राज्यों से मांगे गए सुझाव
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि राज्यों के साथ 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर बैठक सफल रही। हमें उनके उपयोगी सुझाव मिले हैं। मैंने राज्यों से अपील की है कि वे अपने सुझाव 25 मई तक भेजें।
उन्होंने बताया कि हम जल्द ही 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में एक निर्णय तक पहुंचेंगे। छात्रों और अभिभावकों की अनिश्चितताओं को दूर करने के लिए जल्द से जल्द अपने निर्णय की सूचना देंगे।