सार
नीता अंबानी ने अपने संबोधन में कहा, रिलायंस फाउंडेशन सरकार और स्थानीय नगरपालिकाओं की मदद से तेजी से मेगा-स्केल COVID परीक्षण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा, इस काम में जियो के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर से बहुत ज्यादा मदद मिल रही है।
नेशनल. Reliance big Announcements Coronavirus Vaccine: भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने बुधवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज की 43वीं वार्षिक आम सभा को संबोधित किया। इस मौके पर मुकेश अंबानी ने कई बड़ी घोषाएं कीं। इस आम सभा की सबसे बड़ी खास बात रही कि रिलायंस के इतिहास में पहली बार नीता अंबानी ने संबोधित किया। रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी ने अपने पहले संबोधन में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर बड़ी बात कही।
उन्होंने कहा, उन्होंने कहा, कोरोना महामारी से अभी जंग बाकी है। इस जंग में रिलायंस फाउंडेशन, सरकार और लोकल म्युनिसिपल अथॉरिटी के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया है कि बहुत जल्द बड़ी खुशी मिलने वाली है और देश के हर कोने के लोगों तक यह खुशी फैलेगी।
नीता अंबानी ने अपने संबोधन में कहा, रिलायंस फाउंडेशन सरकार और स्थानीय नगरपालिकाओं की मदद से तेजी से मेगा-स्केल COVID परीक्षण के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा, इस काम में जियो के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर से बहुत ज्यादा मदद मिल रही है।
उन्होंने कहा, मैं आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि कोरोना वैक्सीन उपलब्ध होते ही डिजिटल वितरण और आपूर्ति श्रृंखला का उपयोग करके देश के हर कोने तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा, सप्लाई चेन सिस्टम को ज्यादा सरल बनाया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द लोगों को इस बीमारी से सुरक्षित किया जा सके।
गौरतलब है कि देश और दुनिया में कोरोना वैक्सीन को लेकर तेजी से काम जारी है। भारत ने भी इस क्षेत्र में काफी काम कर लिया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया कि कोविड-19 टीके का देश में मानव परीक्षण शुरू हो गया है। देश में विकसित दो टीकों के परीक्षण की कवायद में लगभग एक हजार स्वयंसेवी शामिल हो रहे हैं।
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने दो टीकों के पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण की अनुमति दे दी है। इनमें से एक टीका भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है, जबकि दूसरा टीका जायडस कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने तैयार किया है।
भार्गव ने एक कहा कि दो भारतीय टीके हैं जिनका चूहों और खरगोशों में सफल अध्ययन हो चुका है और यह डेटा डीसीजीआई को सौंपा गया था जिसके बाद दोनों टीकों को इस महीने के शुरू में शुरुआती चरण के मानव परीक्षण की अनुमति मिल गई। उन्होंने कहा, इस महीने, दो भारतीय टीका कंपनियों को शुरुआती चरण के मानव परीक्षण करने की अनुमति मिल गई।