सार
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के वजह से आई तबाही के बाद बचाव कार्य जारी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने तपोवन पर घटनास्थल का जायजा लिया और कहा कि फ्लैश फ्लड की वजह से NTPC लिमिटेड की 520 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना में लगभग 1,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
नई दिल्ली. उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के वजह से आई तबाही के बाद बचाव कार्य जारी है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने तपोवन पर घटनास्थल का जायजा लिया और कहा कि फ्लैश फ्लड की वजह से NTPC लिमिटेड की 520 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना में लगभग 1,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
2028 तक पूरा होना था काम
आरके सिंह ने कहा था कि परियोजना को लगभग 1,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने इस परियोजना के बंद होने की किसी भी संभावना से इंकार किया। इस परियोजना के पूरे होने की समय सीमा 2028 तय की गई थी, लेकिन अब यह कब होगा यह आकलन के बाद ही तय हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी यह नहीं पता है कि हम यहां पर दोबारा कब से काम शुरू कर सकते हैं। परियोजना को हुए नुकसान सहित वास्तविक क्षति का अभी भी आकलन किया जा रहा है। यानी नुकसान का दिया गया आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। बिजली मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, अभी बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित है। परियोजना की कुल लागत 5,867 करोड़ रुपए है। अब तक का खर्च 4,780 करोड़ रुपए है।
तपोवन टनल में फंसे हैं 37 लोग
तपोवन टनल में अभी भी 37 लोगों के फंसे होने की आशंका है। सुरंग के अंदर कीचड़ भरा हुआ है। ऐसे में रेस्क्यू टीम का अंदर जाना मुश्किल होता जा रहा है। बता दें कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है और 171 लोग लापता हैं।