सार
श्रीराम जन्मभूमि पर फैसले से पहले आरएसएस ने साफ कर दिया है कि फैसला जो भी आए उसे खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। आरएसएस ने अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया, "आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है।"
नई दिल्ली. श्रीराम जन्मभूमि पर फैसले से पहले आरएसएस ने साफ कर दिया है कि फैसला जो भी आए उसे खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। आरएसएस ने अपने ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया, "आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है।"
सौहार्दपूर्ण रहे देश का वातावरण : आरएसएस
ट्वीट में लिखा गया, "कोर्ट का निर्णय जो भी आए उसे सभी ने खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे, यह सबका दायित्व है।"
दिल्ली में हो रही आरएसएस की बैठक
आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार के मुताबिक, 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी। प्रचारक वर्ग आवश्यक कारणों से स्थगित किया गया है। लेकिन बैठक हरिद्वार के स्थान पर अब दिल्ली में हो रही है।