सार
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत के लिए एक अच्छी खबर है। हमें बहुत जल्द देश की पहली सिंगल डोज वैक्सीन मिल सकती है। रूस की सिंगल डोज वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के एप्रूवल के लिए डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज और भारत सरकार के बीच बातचीत जारी है। बता दें भारत में स्पुतनिक-V पहले ही आ चुकी है। इस वैक्सीन की सिर्फ एक डोज ही 80% तक असरदार बताई जा रही है।
नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण से निपटने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बीच एक और अच्छी खबर सामने आ रही है। हमें बहुत जल्द देश की पहली सिंगल डोज वैक्सीन मिल सकती है। रूस की सिंगल डोज वैक्सीन स्पुतनिक लाइट के एप्रूवल के लिए डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज और भारत सरकार के बीच बातचीत जारी है। बता दें भारत में स्पुतनिक-V पहले ही आ चुकी है।
वैक्सीन का एक डोज ही 80 प्रतिशत तक असरकारक
पिछले महीने ही रूस ने सिंगल डोज वाली स्पुतनिक लाइट वर्जन के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। खास बात ये है कि अभी दुनिया में सभी वैक्सीन डबल डोज वाली हैं। ऐसे में इस वैक्सीन की सिर्फ एक डोज ही 80% तक असरदार बताई जा रही है। इस वैक्सीन की फंडिंग करने वाले रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) ने एक बयान में कहा था कि दो-शॉट वाली स्पुतनिक वी वैक्सीन की तुलना में सिंगल डोज वाली स्पुतनिक लाइट ज्यादा प्रभावी है।
कौन कितनी प्रभावी?
कंपनी ने दावा किया है कि यह वैक्सीन 79.4% तक प्रभावी है। जबकि स्पुतनिक वी 91.6% प्रभावी है। हालांकि, स्पुतनिक वी में दो डोज की जरूरत होती है।
कैसे रहे नतीजे?
कंपनी की ओर से कहा गया है कि 5 दिसंबर 2020 से 15 अप्रैल 2021 के बीच रूस में चले वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत ये वैक्सीन दी गई। इसके 28 दिन बाद इसका डाटा लिया गया। बताया जा रहा है कि वैक्सीन देने के 28 दिन बाद 91.7% लोगों मे एंटीबॉडी बन गई थीं। वहीं, 96.9% लोगों में एंटीजन स्पेसिफिक एलजीजी एंटीबॉडी देखने को मिलीं।
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