सार

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के 3 महीने के बाद ही राजस्थान में भी सत्ता की कुर्सी हिलने लगी है। मध्य प्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी कांग्रेस के अंदर ही बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। लेकिन सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच दूरियां अचानक नहीं बढ़ीं। 

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के 3 महीने के बाद ही राजस्थान में भी सत्ता की कुर्सी हिलने लगी है। मध्य प्रदेश की तरह ही राजस्थान में भी कांग्रेस के अंदर ही बगावत के सुर सुनाई देने लगे हैं। लेकिन सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच दूरियां अचानक नहीं बढ़ीं, बल्की उसकी मार्च में उनके किए एक ट्वीट से ही कयास लगाने जाने लगे थे कि सिंधिया की तरह पायलट भी कांग्रेस छोड़ सकते हैं।

सचिन पायलट ने मार्च में क्या लिखा था?
मार्च महीने में जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के संकेत दिए थे तब डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस से जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरा मानना था कि पार्टी के भीतर ही इसका समाधान निकाला जाता।  

मार्च में सचिन पायलट के इसी ट्वीट पर लोगों ने पूछना शुरू कर दिया था कि सिंधिया की तरह आप भी कांग्रेस छोड़ रहे हैं क्या?

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी नहीं छोड़ा मौका
सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच बढ़ती तल्खी का फायदा ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उठाया। उन्होंने ट्वीट किया, यह देखकर दुखी हूं कि मेरे पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को किस तरह से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दरकिनार कर दिया गया। यह दिखाता है कि कांग्रेस में प्रतिभा और क्षमता को पर कितना कम भरोसा दिखाया जाता है।

राजस्थान विधानसभा गणित
राजस्थान विधानसभा में भाजपा के 72 विधायक हैं। इसके अलावा हनुमान बेनीलाव की आरएलपी के तीन विधायकों का भी समर्थन है। कुल मिलकार भाजपा के पास 75 विधायक हैं।
- कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं। वहीं निर्दलिय और दूसरी छोटी पार्टियों के समर्थन को मिला कर उसके पास 120 विधायकों का आंकड़ा है।