सार
खुर्शीद ने थरूर और दीक्षित के विचारों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हमने अतीत में चुनाव कराया था। हमारे पास ऐसे भी लोग हैं जो कहते हैं कि जरूरी नहीं कि चुनाव बेहतर विकल्प हों। दो तरह के विचार हैं। जब हम उस बिंदू पर पहुंचेंगे तब हम इस बारे में तय कर लेंगे।’’
नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने शनिवार को कहा कि पार्टी में एक बड़े धड़े को हमेशा यह लगता है कि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनना चाहिए और वही पार्टी के ‘‘शीर्ष नेता’’ हैं ।
कई नेताओं ने पार्टी से अध्यक्ष पद का चुनाव कराने का आग्रह किया था
खुर्शीद ने साथ ही कहा कि राहुल पर दबाव नहीं बनाना चाहिए और उन्हें अपना फैसला स्वयं लेने देना चाहिए। खुर्शीद ने भाषा को दिये साक्षात्कार में जोर देकर कहा कि कांग्रेस ‘संक्रमणकालीन प्रक्रिया’’ से गुजर रही है, लेकिन पार्टी में नेतृत्व का कोई संकट नहीं है क्योंकि सोनिया गांधी कमान संभाल रही हैं। खुर्शीद का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस में नेतृत्व के मुद्दे पर शशि थरूर और संदीप दीक्षित समेत कई नेताओं के आवाज उठाने के बीच आयी है । थरूर ने गुरुवार को कांग्रेस कार्य समिति से ‘‘कार्यकर्ताओं में जोश भरने और मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए’’ नेतृत्व का चुनाव कराने का आग्रह किया था।
राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार हैं- खुर्शीद
खुर्शीद ने थरूर और दीक्षित के विचारों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘हमने अतीत में चुनाव कराया था। हमारे पास ऐसे भी लोग हैं जो कहते हैं कि जरूरी नहीं कि चुनाव बेहतर विकल्प हों। दो तरह के विचार हैं। जब हम उस बिंदू पर पहुंचेंगे तब हम इस बारे में तय कर लेंगे।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर मीडिया में बातचीत करने से कांग्रेस को मदद नहीं मिलेगी । यह पूछने पर कि क्या राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सबसे बेहतर उम्मीदवार हैं, खुर्शीद ने कहा, ‘‘हम सबने ऐसा कहा है। अब यह पत्थर की लकीर है, यह स्पष्ट है। लेकिन अगर हम उन्हें अपना नेता स्वीकार करते हैं तो उन्हें निर्णय लेने और इसका समय तय करने की आजादी दीजिए। हम उन पर (अपना विचार) क्यों थोपना चाहते हैं।’’
राहुल को खुद निर्णय करना होगा
यह पूछे जाने पर कि पिछले साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में क्या यह विचार प्रभावी था कि राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनना चाहिए, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पार्टी के एक बड़े धड़े का ऐसा मानना है। खुर्शीद ने कहा, ‘‘लेकिन इसे बार बार दोहराना शर्मनाक है क्योंकि अगर आपको विश्वास है कि वह एक नेता हैं तो आपको कुछ निर्णय उन पर ही छोड़ने होंगे, समय मत थोपिये, निर्णय उन पर नहीं थोपना चाहिए, उन्हें निर्णय करने दीजिए ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (राहुल) कहते हैं कि वह दूर नहीं जा रहे हैं और वह दूर नहीं गये हैं। वह यहीं हैं। उनके पास लेबल नहीं है क्योंकि वह आज इस लेबल का इस्तेमाल नहीं करना चाहते, तो हमें उनके इस फैसले का सम्मान करना चाहिए और हमने ऐसा किया है।’’ खुर्शीद ने कहा कि गांधी पार्टी के ‘शीर्ष नेता’ हैं। लेकिन कई और नेता हैं जिनका अपना महत्व है, वह कांग्रेस पार्टी की प्रक्रिया में पूर्णता से योगदान देते हैं ।’’
कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल अध्यक्ष बनें
खुर्शीद ने कहा कि कांग्रेस का विरोध करने वाले दल लगातार किसी अन्य नेता के मुकाबले उन पर ज्यादा हमला कर रहे हैं और यह दर्शाता है कि वह शीर्ष नेता हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह मीडिया है जिसने इस बारे में बातचीत करना बंद नहीं किया है । यह पूछे जाने पर कि गांधी परिवार अब भी कांग्रेस का आधार है तो उन्होंने कहा कि सच्चाई यही है जिसे आप हटा नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने ऐसा नहीं कहा कि पार्टी के विकास के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पार्टी में लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं विकसित हो रही हैं, लेकिन वे ऐतिहासिक रूप से जो ओहदा रखते हैं, उसे बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता स्वीकार करते हैं। इस तथ्य को लेकर आप आंखें नहीं मूंद सकते।’’
वंशवाद किस क्षेत्र में नहीं है- खुर्शीद
खुर्शीद ने वंशवाद को लेकर कहा, ‘‘मुझे ऐसा कोई एक दल बताइए, जिसमें वंशवाद नहीं है। मैं यह नहीं कह रहा कि वंशवाद अच्छी बात है लेकिन वंशवाद एक सच्चाई है, यह केवल राजनीति ही नहीं, बल्कि मीडिया, पुलिस, न्यायपालिका, बॉलीवुड, प्रशासन, विश्वविद्यालयों में भी है... आप केवल किसी एक क्षेत्र के लिए ऐसा नहीं कह सकते कि ‘उसमें वंशवाद नहीं होना चाहिए’।’’ उन्होंने कहा कि सामाजिक गतिशीलता बढ़ने से यह मामला स्वयं ही सुलझ जाएगा। खुर्शीद ने पार्टी में नेतृत्व के संकट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पार्टी में नेतृत्व का अभाव नहीं है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)