सार
विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने नए नागरिकता कानून की प्रशंसा करते हुए मंगलवार को कहा कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो हिंदू समाज नपुंसक हो जाता है।
मुंबई. विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले दक्षिणपंथी नेता संभाजी भिड़े ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने नए नागरिकता कानून की प्रशंसा करते हुए मंगलवार को कहा कि जब राष्ट्रवाद की बात आती है तो हिंदू समाज नपुंसक हो जाता है। भिड़े ने कहा कि भारत में मुसलमानों से राष्ट्रवाद की उम्मीद करना 'बेवकूफी' है।
पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में भिड़े ने कहा कि राष्ट्रवाद की बात आने पर हिंदू समाज सौ प्रतिशत नपुंसक हो जाता है। जैसे नपुसंक आदमी को बच्चा नहीं हो सकता, उसी तरह राष्ट्रहित की बात आने पर हिंदू समाज यही रवैया दिखाता है। राष्ट्रहित के बारे में हममें समझ की कमी है। भिड़े शिव प्रतिष्ठान हिन्दुस्तान के प्रमुख हैं और साल 2018 के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी हैं। उन्होंने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) भारतीयों को जोड़ता है, जबकि कुछ लोग इसके बारे में भ्रम फैला रहे हैं।
'भारत में ऐसा कानून क्यों नहीं होना चाहिए'
भिड़े ने सवाल किया कि दुनिया भर में 187 देशों में इसी तरह का कानून चलता है तो भारत में ऐसा कानून क्यों नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू सीएए को लेकर बहुत इच्छुक नहीं दिखते हैं। हालांकि अधिकतर मुसलमान जो पहले मूल रूप से हिंदू थे, वे सीएए का विरोध कर रहे हैं। भारत में मुस्लिमों से राष्ट्रवाद की अपेक्षा करना बेवकूफी है। भिड़े ने कहा कि भारतीय आत्मकेंद्रित लोग होते हैं। वे इस देश की भलाई समझ ही नहीं पाते हैं। यह नया नागरिकता कानून हमारे देश के लिए बहुत अच्छा है।
भिड़े अपने अजीबोगरीब बयान के लिए पहले भी विवादों में घिर चुके हैं। एक बार उन्होंने कहा था कि उनके बगीचे का आम खाने वाले दंपतियों को बेटा होता है।
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