सार

देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 5 प्रतिशत रह गई थी। इसे आर्थिक मंदी के तौर पर देखा जा रहा है।

नई दिल्ली. देश इन दिनों आर्थिक मंदी का सामना कर रहा है। ऐसे में विपक्ष द्वारा मंदी को लेकर सरकार पर कई बार निशाना साधते हुए देखा गया। गुरुवार को भाजपा ने देश में चिंताजनक आर्थिक हालात संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी पर निशाना साधा, और कहा कि ऐसा लगता है कि वह अपनी पार्टी में आर्थिक मंदी की बात कर रही हैं क्योंकि उसके लिए पैसा जुटाने वाले जेल की सलाखों के पीछे हैं। भाजपा का ये वार चिंदबरम और डी के शिवकुमार की ओर भी था। 

सोनिया गांधी ने आर्थिक मंदी पर जताई थी चिंता 

सोनिया ने पार्टी के महासचिवों-प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों, मुख्यमंत्रियों और विधायक दल के नेताओं की बैठक में देश की अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात पर चिंता जताई थी। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सम्बित पात्रा ने कहा, 'ऐसा लगता है कि (सोनिया) गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में आर्थिक मंदी को लेकर चिंतित हैं क्योंकि कांग्रेस के लिए पैसा जुटाने वाले पी चिदंबरम और डी के शिवकुमार दोनों जेल की सलाखों के पीछे हैं।' उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत है और सरकार ने विकास दर बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।

तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गयी थी आर्थिक वृद्धि दर

देश की आर्थिक वृद्धि दर 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 5 प्रतिशत रह गई थी। इसे आर्थिक मंदी के तौर पर देखा जा रहा है। मार्च 2013 के बाद यह सबसे धीमी गति की वृद्धि दर है, जब जीडीपी का 4.7% फीसदी थी। बता दें, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा था कि ज्यादातर लोगों की सोच में बदलाव आया है जो अब मासिक किस्तों की अदायगी करते हुए एक कार खरीदने की जगह ओला और उबर जैसे टैक्सी सेवा का लाभ लेना पसंद करते हैं और यह आटो मोबाइल क्षेत्र में मंदी के कई कारणों में से एक है।