सार

बीजेपी से रिश्ता बिगड़ने के बाद राज्यसभा में सांसदों की बैठने की व्यवस्था में बदलाव देखा जा सकता है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि राज्यसभा में हम विपक्ष में बैठेंगे। शिवसेना ने संसद के 18 नवम्बर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को दिल्ली में होने वाली राजग घटक दलों की बैठक में शिवसेना के हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।

मुंबई. महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर जारी रस्साकसी के बीच बीजेपी से तनातनी के बाद शिवसेना अब राज्यसभा में विपक्ष में बैठी नजर आ सकती है। जानकारी के मुताबिक शिवसेना से रिश्ते बिगड़ने के बाद राज्यसभा में सांसदों की बैठने की व्यवस्था में बदलाव देखे जा सकते हैं। शिवसेना के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि राज्यसभा में हम विपक्ष में बैठेंगे। शिवसेना ने संसद के 18 नवम्बर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को दिल्ली में होने वाली राजग घटक दलों की बैठक में शिवसेना के हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। संजय राउत ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि एनडीए घटक दलों की मीटिंग 17 नवंबर को बुलाई गई है। हमने पहले ही तय किया था कि बैठक में बैठने के बजाय हम महाराष्ट्र के विकास को तरजीह देंगे। हमारे सांसद ने केंद्र सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। 

आज की एनडीए और पुरानी एनडीए में अंतर 

भाजपा और शिवसेना दोनों ने अपना वर्षों पुराना गठजोड़ तोड़ने का आधिकारिक रूप से ऐलान नहीं किया है। इस बाबत जब शिवसेना नेता संजय राउत से सवाल किया गया कि क्या आपके इस फैसले के बाद ऐसा माना जाए कि आप एनडीए का हिस्सा नहीं है तो इस सवाल के जवाब में संजय राउत ने कहा कि आप ऐसा कह सकते हैं इसमें कोई समस्या नहीं है। आज की एनडीए और पुरानी एनडीए में अंतर है।  उन्होंने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी, जैसे पुराने नेता अब पार्टी में सक्रिय नहीं हैं। 

शिवसेना नए दलों के साथ 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा होने के कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी के साथ हुई खींचतान के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पार्टी ने संभावित गठबंधन सरकार बनाने के लिए अपने वैचारिक प्रतिद्वंद्वियों-कांग्रेस और एनसीपी के साथ न्यूनतम साझा कार्यक्रम का एक मसौदा तैयार किया है।  बता दें कि शिवसेना ने 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में 56 सीटें जीती थी। भाजपा ने 288 सदस्यीय सदन में सबसे अधिक 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस कवायद के बाद यह साफ हो गया है कि लंबे समय से एनडीए का हिस्सा रही शिवसेना अब छिटक चुकी है।