सार
यह तस्वीर कर्नाटक के बेंगलुरु (Bengaluru) की है। स्पीड से गाड़ी चलाना कितना खतरनाक साबित हो सकता है, ये तस्वीर यह बताती है। मर्सिडीज बेंज कार ( Mercedes Benz) ने अनियंत्रित होकर एक-दो नहीं, बल्कि कई गाड़ियों को ठोंक दिया। इस हादसे में 1 व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए।
बेंगलुरु (Bengaluru). कर्नाटक के बेंगलुरु में 7 दिसंबर को एक भयंकर सड़क हादसा हुआ। यहां के इंदिरानगर बाजार इलाके में मर्सिडीज बेंज कार ( Mercedes Benz) बेकाबू होकर सड़क पर जा रहीं कई गाड़ियों से टकरा गई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हो गए। पुलिस ने 8 दिसंबर को इस घटना के बारे में मीडिया का जानकारी दी।
ऑटो को टक्कर मारने के बाद बेकाबू हुई थी कार
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार कार की स्पीड अधिक थी। उसने सबसे पहले एक ऑटो को टक्कर मारी। इसके बाद बेकाबू होकर कई गाड़ियों से टकराती रही। पुलिस ने बताया कि तेज रफ्तार कार के चालक की पहचान सुवेद कार्डियो (43) के रूप में हुई है, जबकि मृतक की पहचान असम निवासी हरि महंत (36) के रूप में हुई है। घायलों की पहचान बाइक सवार आनंद कुमार (36) के रूप में हुई है। अन्य घायलों में एक अन्य कार का ड्राइवर महेश (27); यात्री विद्याश्री (22) और निंगनाबादा श्रीनिवास (22); पुलिस के अनुसार ऑटो चालक नजीब (38) और कृष्णा (30) हैं।
हर साल होती हैं 1.5 लाख लोगों की मौतें
भारत में सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) ने कुछ समय पहले कहा था कि सड़क हादसों में कमी लाने लगातार कोशिशें हो रही हैं। गडकरी के अनुसार 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में 50 फीसदी तक लाने के लिए मंत्रालय काम कर रहा है। अभी सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत होती है। 4.5 लाख से अधिक लोग इन दुर्घटनाओं में घायल होते हैं। देश में प्रति दिन 415 लोग हादसों में जान गंवाते हैं। सड़क हादसे में 70 फीसदी मौतें 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग में होती हैं।
कोहरे में बढ़ जाती हैं दुर्घटनाएं
सामान्य मौसम की तुलना में सर्दियों में सड़क हादसों की संख्या बढ़ जाती है। इसके बाद नंबर आता है बारिश का। सर्दियों में उत्तर भारत से लेकर मध्य भारत तक कोहरे के कारण विजिबिलिट कम हो जाती है। ऐसे में स्पीड हादसों की वजह बन जाती है। वहीं, बारिश में फिसलनभर सड़कें भी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं। आमतौर पर ठंड में चंद दूरी पर भी साफ दिख पाना मुश्किल होता है। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि 2019 में कम विजिबिलिटी के कारण 33 हजार 602 सड़क हादसे हुए थे। इनमें 13 हजार 405 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। 2018 में 28 हजार 26 हादसों में 11 हजार 841 जानें गई थीं। अगर सामान्य हादसों की बात करें, तो एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के आंकड़े बताते हैं कि सबसे अधिक दुर्घटनाएं स्पीड के कारण होती हैं। 2019 में 59.6 हादसे स्पीड के कारण हुए। इनमें 86,241 लोगों की मौत हुई।
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