सार

महाराष्ट्र और रेल मंत्रालय के बीच खीचतान बढ़ती जा रही है। गोयल ने कहा, 'महाराष्ट्र से 125 ट्रेनों की सूची कहां है? रात के दो बजे तक महाराष्ट्र सरकार की तरफ से 46 ट्रेनों की ही सूची मिली। जबकि राज्य सरकार ने आरोप लगाया, महाराष्ट्र को उसकी मांग के अनुरूप पर्याप्त श्रमिक ट्रेनें उपलब्ध नहीं कराई हैं। उन्होंने रेलवे को 200 ट्रेनों के लिए श्रमिकों की सूची सौंपने का भी दावा किया था।

नई दिल्ली.  प्रवासी मजदूरों की घरवापसी को लेकर रेलवे द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जी रहीं हैं। इन सब के बीच महाराष्ट्र और रेल मंत्रालय के बीच खीचतान बढ़ती जा रही है। एक ओर जहां राज्य सरकार रेल मंत्रालय पर ट्रेन चलाने की मंजूरी न देने का आरोप लगा रही है। वहीं, दूसरी ओर रेल मंत्रालय महाराष्ट्र सरकार पर यात्रियों की सूची न देने का आरोप लगा रही है। देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए अब तक 3,000 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनों का संचालन हुआ है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए मजदूरों की मदद के लिए विभिन्न राज्यों से और सहयोग करने की गुजारिश की।

'125 ट्रेनों की नहीं मिली लिस्ट, सिर्फ 42 दी गई मंजूरी'

रेल मंत्री गोयल ने कहा, 'महाराष्ट्र से 125 ट्रेनों की सूची कहां है? रात के दो बजे तक महाराष्ट्र सरकार की तरफ से 46 ट्रेनों की ही सूची मिली। इनमें से पांच ट्रेनें तूफान प्रभावित बंगाल और ओडिशा के लिए थीं, जिन्हें संचालित नहीं किया जा सकता है। 125 ट्रेनों के लिए तैयार होने के बावजूद हम सोमवार को महाराष्ट्र से केवल 41 ट्रेनें नोटिफाई कर पाए।'  

हमने 200 ट्रेनों के लिए दी लिस्ट, नहीं मिली मंजूरीः ठाकरे 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच तकरार की शुरुआत रविवार को उस समय हुई थी, जब ठाकरे ने वेबकास्ट के जरिये राज्य की जनता से बात करते हुए कहा था कि रेलवे ने महाराष्ट्र को उसकी मांग के अनुरूप पर्याप्त श्रमिक ट्रेनें उपलब्ध नहीं कराई हैं। उन्होंने रेलवे को 200 ट्रेनों के लिए श्रमिकों की सूची सौंपने का भी दावा किया था। 

हम 125 ट्रेनें चलाने को तैयार

महाराष्ट्र सरकार द्वारा रेल मंत्रालय पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए रेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि राज्य सरकार श्रमिकों का ब्योरा उपलब्ध कराए तो रेलवे महाराष्ट्र से 125 ट्रेनें चलाने को तैयार है। इस बीच, उत्तर रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर शिवाजी सुतार ने बताया कि महाराष्ट्र से अब तक कुल 557 श्रमिक ट्रेनों का संचालन हुआ है। इनसे 7.70 लाख मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया है।

दोनों की लड़ाई में कूदे संजय राउत 

रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र सरकार के बीच जारी तनातनी के बीच अब शिवसेना के नेता संजय राउत की एंट्री हो गई है। संजय राउत ने रेल मंत्रालय पर तंज कसते हुए कहा- महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे मंत्रालय को अपेक्षित गाड़ियों की सूची दी है। पीयूष जी से सिर्फ विनती यही है कि ट्रेन जिस स्टेशन पर पहुंचनी चाहिए उसी स्टेशन पर पहुंचे। गोरखपुर के लिए जाने वाली ट्रेन उड़ीसा न पहुंच जाए।'

गोरखपुर जाने वाली ट्रेन पहुंच गई थी उड़ीसा

21 मई को पालघर से यूपी के गोरखपुर के लिए रवाना हुई वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन जो रवाना हुई थी लेकिन ओडिशा तक पहुंच गई थी। यह ट्रेन ढाई दिन बाद गोरखपुर पहुंची थी जिसे करीब 25 घंटे में ही गंतव्य तक पहुंच जाना चाहिए था। बाद में रेल मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि मार्ग पर अधिक रेलगाड़ियां चलने की वजह से इस ट्रेन का मार्ग बदला गया था। 

प्रवासियों को करा रहे टूर 

वहीं वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन का मार्ग बदलकर उसे ओडिशा के रास्ते भेजे जाने को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल पर तंज कसते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि गुजारिश बस इतनी है कि प्रवासी श्रमिकों को ले जाने वाली ट्रेनें घोषणा के मुताबिक अपने गंतव्य तक पहुंचे। वहीं शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि सरकार खाना और पानी उपलब्ध कराए बिना ही प्रवासी कामगारों को देश का टूर करा रही हैं।