सार

मैंने अपने जीवन की किसी की मौत का इतनी बेसब्री से इंतजार नहीं किया.... यह शब्द महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के हैं। उन्होंने एक टीवी प्रोग्राम में कहा, वह निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर देखना चाहती हैं। 

नई दिल्ली. मैंने अपने जीवन की किसी की मौत का इतनी बेसब्री से इंतजार नहीं किया.... यह शब्द महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी के हैं। उन्होंने एक टीवी प्रोग्राम में कहा, वह निर्भया के दोषियों को फांसी के फंदे पर देखना चाहती हैं। जिस प्रोग्राम में स्मृति ईरानी ने यह बात बोली, उसमें निर्भया की मां आशा देवी और उनकी वकील सीमा कुशवाहा भी मौजूद थी। स्मृति ईरानी ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। 

"महिला सुरक्षा की शुरुआत घर से करनी होगी"
स्मृति ईरानी ने कहा, मैंने अपने जीवन में किसी की मौत का इतनी बेसब्री से इंतजार नहीं किया, जितना दोषियों की फांसी का कर रही हूं। हम महिला और बालिकाओं के क्राइम पर जिला-जिला जाकर पुलिसिंग और बेटर जस्टिस दिलाने के लिए काम करेंगे। लेकिन हमें महिला सुरक्षा की शुरुआत घर से ही करना होगा, क्योंकि अधिकतर महिलाओं पर हिंसा की शुरुआत घर से ही होती है। घर पर जब बच्चा मां को पिटते देखता है तो सोचता है कि शायद औरतों से ऐसे ही व्यवहार किया जाता है।

"मैंने एक व्यक्ति नहीं, परिवारवादी सोच को हराया"
अमेठी में जीत पर स्मृति ईरानी ने कहा, मैंने किसी व्यक्ति को नहीं, विषय को हराया है। मैंने परिवारवाद को हराया है। मैंने उस सोच को हराया है जो सोने का चम्मच लेकर लोगों को अपने चरणों में रखती थी। 

"महिलाएं भागीदार बनें, मोहरा नहीं"
महिलाओं के नेतृत्व पर उन्होंने कहा, महिला अगर आंदोलन में भागीदार बनकर खड़ी हो तो उसका पूरा समर्थन होना चाहिए। लेकिन अगर महिला मोहरा बनकर खड़ी हो तो हमें चिंता करने की जरूरत है।