सार
सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश को शनिवार शाम दिल्ली में आखिरी विदाई दी गई। शुक्रवार की शाम 6 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। राजनीतिक नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने स्वामी अग्निवेश को श्रद्धांजलि दी।
नई दिल्ली. सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश को शनिवार शाम दिल्ली में आखिरी विदाई दी गई। शुक्रवार की शाम 6 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया था। राजनीतिक नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने स्वामी अग्निवेश को श्रद्धांजलि दी।
लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे अग्निवेश
स्वामी अग्निवेश (swami agnivesh) की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज (आईएलबीएस) में भर्ती कराया गया था। उन्हें लिवर सिरोसिस से पीड़ित बताया गया था। मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण मंगलवार से ही वेंटिलेटर पर थे।
आंध्र प्रदेश में हुआ था जन्म
स्वामी अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर 1939 को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में एक ब्राह्मण सनातनी हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने चार साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था। उनका लालन-पालन उनके नाना ने किया। कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज में लेक्चरर बने। स्वामी अग्निवेश तीन दिन तक बिग बॉस के घर के अंदर (नवंबर 2011) भी थे।
स्वामी अग्निवेश ने 1970 में बनाई थी आर्य सभा
आर्य समाज का काम करते-करते 1970 में स्वामी अग्निवेश ने आर्य समाज नाम से एक राजनीतिक दल बनाया। 1977 में स्वामी अग्निवेश ने हरियाणा से चुनाव लड़ा। वे हरियाणा सरकार के शिक्षा मंत्री के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। माओवादियों और भारत सरकार के बीच बातचीत की कोशिश करते रहने वाले स्वामी अग्निवेश का मानना था कि भारत सरकार और माओवादी मजबूरी में शांति वार्ता कर रहे हैं।
2011 में अन्ना आंदोलन में भी शामिल हुए
स्वामी अग्निवेश 2011 में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भी शामिल रहे थे। हालांकि, बाद में वे इससे दूर हो गए थे।