सार
दक्षिण-पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) थोड़ी देरी से ही सही, लेकिन दिल्ली तक पहुंच गया है। मुंबई और राजस्थान में झमाझम बारिश हो रही है। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई के अलावा मध्य प्रदेश दिल्ली, पंजाब-हरियाणा आदि राज्यों में कहीं-कहीं मध्यम, तो कहीं भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जानिए मानसून का पूरी डिटेल्स...
मौसम डेस्क. देश के ज्यादातर राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून(Southwest Monsoon) एक्टिव हो चुका है। बेशक इसमें कुछ दिन की देरी हुई है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि बारिश बेहतर होगी। मानसून दिल्ली तक पहुंच गया है। मुंबई और राजस्थान में झमाझम बारिश हो रही है। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई के अलावा मध्य प्रदेश दिल्ली, पंजाब-हरियाणा आदि राज्यों में कहीं-कहीं मध्यम, तो कहीं भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जानिए मानसून का पूरी डिटेल्स...
इन राज्यों में बारिश या भारी बारिश का अलर्ट
आजकल में मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों, दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पूर्वी राजस्थान, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक और उत्तरी केरल के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों, दिल्ली और दक्षिण छत्तीसगढ़ में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जबकि विदर्भ, मराठवाड़ा, तेलंगाना, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश के आसार हैं। वहीं, पश्चिमी राजस्थान और कच्छ को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।
राजस्थान में मानसून की एंट्री
राजस्थान में मानसून सामान्य आगमन की तारीख से 8 दिन लेट पहुंचा। इस दौरान पूर्वी राजस्थान के भातरपुर, दौसा, अलवर, बारां और जयपुर जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश दौसा के लॉन में 100 मिमी दर्ज की गई। जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने कहा कि आमतौर पर मानसून राजस्थान में दक्षिण पूर्वी भागों के कोटा और उदयपुर संभागों से प्रवेश करता है, लेकिन इस बार यह पूर्वी राजस्थान के अलवर, कोटा और भरतपुर से प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल हैं। पूर्वी राजस्थान के अधिकांश स्थानों पर अगले तीन दिनों तक बारिश और बिजली गिरने की संभावना है। भरतपुर, कोटा, जयपुर, अजमेर और उदयपुर संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और एक या दो स्थानों पर 'बहुत भारी' बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर और जोधपुर संभाग के जिलों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।
सीजन की पहली भारी बारिश ने मुंबई में ट्रेनों और बस सेवाओं को प्रभावित किया
मुंबई में गुरुवार शाम को भारी बारिश के कारण ट्रेन और बस सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि मौसम की पहली भारी बारिश के कारण कई निचले इलाकों में पानी भर गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आजकल में यहां अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई में 29 जून तक 2,472 मिमी औसत वार्षिक वर्षा में से सिर्फ 11.72 प्रतिशत बारिश हुई थी।
मानसून की पहली ही बारिश में डूबी दिल्ली
मानसून के मौसम की पहली भारी बारिश के बाद गुरुवार को नई दिल्ली नगर परिषद को जलभराव की कम से कम 10 शिकायतें मिलीं। मानसून गुरुवार को दिल्ली पहुंच गया। दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इस दौरान जलभराव की कम से कम 10 शिकायतें मिलीं।
इन राज्यों में हुई बारिश या भारी बारिश
अगर बीते दिन की बात करें, तो शेष पूर्वोत्तर भारत, केरल, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, हरियाणा के कुछ हिस्सों, दिल्ली, उत्तरी मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों, रायलसीमा के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश और विदर्भ और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। आंतरिक तमिलनाडु, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड, जम्मू कश्मीर और सौराष्ट्र और कच्छ में हल्की बारिश हुई। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मेघालय, मध्य उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और हिमाचल प्रदेश प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश हुई, जबकि पूर्वोत्तर राजस्थान और दक्षिण गुजरात में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। कोंकण और गोवा के अधिकांश हिस्सों, तटीय कर्नाटक, उत्तरी केरल के कुछ हिस्सों, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश होती रही।
मौसम में बदलाव की ये हैं वजहें
स्काईमेट वेदर(skymet weather) के अनुसार, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पाकिस्तान के मध्य भागों और उत्तर पश्चिमी पंजाब के आसपास के हिस्सों पर सक्रिय है। पूर्वी पश्चिम ट्रफ रेखा पंजाब से पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तक हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दक्षिण उड़ीसा होते हुए ओडिशा के तट तक फैली हुई है। उत्तरी महाराष्ट्र तट से दक्षिण कर्नाटक तट तक समुद्र के औसत स्तर पर अपतटीय ट्रफ बनी हुई है। जबकि एक चक्रवाती परिसंचरण ओडिशा के तटीय क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 3.1 और 5.8 किमी के बीच ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका महसूस हो रहा है।
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