सार

देश में कोरोना का कहर जारी है। ऐसे में जेलों में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि बहुत जरूरी मामलों में ही गिरफ्तारी की जाए। 

नई दिल्ली. देश में कोरोना का कहर जारी है। ऐसे में जेलों में भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि बहुत जरूरी मामलों में ही गिरफ्तारी की जाए। 

कोर्ट ने कहा कि राज्य पिछले साल जारी निर्देशों के मुताबिक कैदियों की रिहाई करे। दरअसल, पिछले साल भी कोरोना के चलते कैदियों को जमानत पर छोड़ा गया था। हालांकि, अब ये कैदी जेल पहुंच चुके हैं। 

फिर से मिले अंतरिम रिहाई और पैरोल
जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में कैदी और कर्मचारी संक्रमित हो रहे हैं। जेलों से कैदियों की संख्या घटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, राज्य सरकारों ने पिछले साल जिन कैदियों को छोड़ा था, उनकी इस बार फिर रिहाई हो। 

साथ ही कोर्ट ने कहा, जिन्हें पिछले साल पैरोल दी गई थी, उन्हें फिर 90 दिन के लिए छोड़ा जाए। साथ ही बहुत जरूरी मामलों में गिरफ्तारी की जाए। 

कोर्ट ने पिछले साल क्या दिए थे आदेश
कोर्ट ने 23 मार्च 2020 को सभी राज्यों में कैदियों की रिहाई पर फैसला लेने के लिए एक कमेटी बनाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि कमेटी यह फैसला ले कि किन कैदियों को रिहा किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि राज्य 7 साल से कम की सजा पाने वाले या छोटे अपराधों में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा करने पर विचार करें।