सार
रेलवे प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए नया प्रयोग करने जा रही है। यात्रियों को जल्द ही रेलवे स्टेशनों पर मिट्टी के कुल्हड़, गिलास में चाय-लस्सी मिलेगी। रेलवे शुरुआत में 400 स्टेशनों पर इसकी शुरुआत करेगी।
नई दिल्ली. रेलवे प्लास्टिक पर अंकुश लगाने के लिए नया प्रयोग करने जा रही है। यात्रियों को जल्द ही रेलवे स्टेशनों पर मिट्टी के कुल्हड़, गिलास में चाय-लस्सी मिलेगी। रेलवे शुरुआत में 400 स्टेशनों पर इसकी शुरुआत करेगी। खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आयोग ने बताया कि रेलवे ने यात्रियों को खाने-पीने का सामान मिट्टी से बने बर्तनों में उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
मोदी सरकार 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने जा रही है। ऐसे में रेलवे का ये फैसला पर्यावरण के लिए अच्छा साबित होगा। साथ ही इससे स्थानीय लोगों और कुल्हड़ बनाने वाले लोगों को भी फायदा मिलेगा।
30 हजार कुम्हारों को मिलेगा इलेक्ट्रिक चाक
आयोग के चेयरमैन ने न्यूज एजेंसी को बताया कि रेलवे इस पहले के तहत इस साल 30,000 इलेक्ट्रिक चाक देगी। साथ ही मिट्टी के सामानों को नष्ट करने के लिए भी ग्रांइडिंग मशीन उपलब्ध कराएगी। कुमार ने कहा कि हम इस साल 30000 इलेक्ट्रिक चाक देंगे। इनसे करीब रोजाना 2 करोड़ कुल्डड़ और मिट्टी के अन्य सामान बनेंगे। यह प्रक्रिया अगले 15 दिन में शुरू हो जाएगी।
नितिन गडकरी ने की थी मांग
आयोग के मुताबिक, केंद्रीय सूक्ष्म, लघु उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ जैसे मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करने की मांग की थी। उन्होंने मंत्रालय से इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को आदेश देने के लिए भी कहा था।
वाराणसी और रायबरेली पर हुआ था प्रयोग
रेलवे ने प्रयोग के तौर पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों पर इस साल जनवरी से मिट्टी के बने बर्तनों का उपयोग कर रहा है। इन दोनों स्टेशनों पर इस पहल से प्लास्टिक की समस्या से निपटने में मदद मिली है।