सार

कोविड महामारी ने रिश्तों की पोल खोल दी है। लोग महामारी में किसी की मदद से भी परहेज कर रहे हैं। कामारेड्डी शहर में एक व्यक्ति अपनी मृत पत्नी का शरीर कंधे पर रखकर 3.5 किलोमीटर तक अकेले चला लेकिन कोई मदद को सामने नहीं आया। अलबत्ता कुछ पुलिसवालों ने चंदा मांगकर करीब 2500 रुपये अंतिम संस्कार के लिए दे दिए। 
 

हैदराबाद। कोविड महामारी ने रिश्तों की पोल खोल दी है। लोग महामारी में किसी की मदद से भी परहेज कर रहे हैं। कामारेड्डी शहर में एक व्यक्ति अपनी मृत पत्नी का शरीर कंधे पर रखकर 3.5 किलोमीटर तक अकेले चला लेकिन कोई मदद को सामने नहीं आया। अलबत्ता कुछ पुलिसवालों ने चंदा मांगकर करीब 2500 रुपये अंतिम संस्कार के लिए दे दिए। 

स्वामी गुहार लगाता रहा लेकिन नहीं मिली मदद

दरअसल, कामारेड्डी कस्बे का रहने वाला स्वामी और उसकी पत्नी नागालक्ष्मी बेहद गरीबी की हालत में भीख मांगकर गुजारा करते थे। रविवार की शाम को नागालक्ष्मी की तबीयत कुछ खराब हुई। सड़क के किनारे रेलवे स्टेशन के पास वह लेटी हुई थी। तबीयत अचानक तेज बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया। पत्नी की मौत के बाद स्वामी उसके अंतिम संस्कार के लिए लोगों की मदद मांगने लगा लेकिन कोविड संक्रमण के डर से कोई उसके पास भी नहीं आया। काफी देर तक लोगों से मदद की गुहार लगाने के बाद स्वामी ने कंधे पर ही पत्नी का मृत शरीर लेकर अंतिम संस्कार के लिए चल दिया। रास्ते भर वह लोगों से मदद की अपील भी करता जाता लेकिन कोई नहीं सुना। वह गाड़ी वालों से भी कहता कि उसे पास के श्मशान तक पहुंचा दे लेकिन कोई मदद नहीं किया।

रेलवे पुलिस ने चंदा देकर की मदद

हालांकि, स्वामी की अपील पर रेलवे पुलिस के कुछ जवानों ने चंदा जुटाकर 2500 रुपये अंतिम संस्कार के लिए दिए।

3.5 किलोमीटर पैदल चला स्वामी

रेलवे स्टेशन से कंधे पर पत्नी की लाश लिए स्वामी इंदिरानगर तक करीब साढ़े तीन किलोमीटर चला। कब्रिस्तान पहुंचने के बाद किसी ने उसकी मदद कब्र खोदने में कर दी। वहां उसने पत्नी की अंतिम विदाई दी। बताया जा रहा है कि खुद स्वामी की भी हालत ठीक नहीं लेकिन पत्नी को कंधे पर लादे वह अकेले ही उसका साथ निभाया।