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ED ऑफिस नहीं पहुंची तेलंगाना सीएम की बेटी कविता, महासचिव के हाथ लेटर भेज लगाया आरोप...जांच एजेंसी बोली-20 मार्च को आईए
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प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में उनको तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन के.कविता इस बार नहीं आई। उन्होंने बीआरएस के महासचिव सोमा भरत कुमार को अपने फैसले के बारे में सूचित करने के लिए ईडी कार्यालय भेजा। ईडी ने के. कविता को 20 मार्च को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए नया समन जारी किया।
ईडी को भेजे गए पत्र में कविता ने कहा कि समन में उनके व्यक्तिगत रूप से आने की बाध्यता नहीं है। इसलिए वह अपने अधिकृत प्रतिनिधि को भेज रही हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश-निर्देश आने तक ईडी को इंतजार करना चाहिए।
दरअसल, के. कविता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है कि नियमों के तहत ईडी एक महिला को पूछताछ के लिए अपने ऑफिस में नहीं बुला सकती है। प्रवर्तन निदेशालय को पूछताछ करने के लिए उनके घर आना होगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 24 मार्च को सुनवाई करेगा। हालांकि, कोर्ट ने कविता को कोई अंतरिम राहत नहीं दी है।
पत्र में के.कविता ने लिखा कि मैं एक महिला होने के नाते और कानून के सिद्धांतों द्वारा संरक्षित हूं। मुझे निदेशालय के कार्यालय में नहीं बुलाया जा सकता है। मैं ऑडियो/वीडियो मोड के माध्यम से उपस्थित होने के लिए हमेशा तैयार थी। मैंने अपने आवास पर अधिकारियों को भी आमंत्रित किया था जो कि नियमानुसार और कानून के तहत है। लेकिन ईडी ने इसे अस्वीकार कर दिया। ईडी ने अस्वीकार करते हुए कहा कि ईडी की हिरासत में व्यक्ति के साथ पूछताछ शारीरिक रूप से/व्यक्तिगत रूप से किया जाना आवश्यक है। मैंने अपने आवास पर अधिकारियों को भी आमंत्रित किया था जो कि नियमानुसार और कानून के तहत है। लेकिन ईडी ने इसे अस्वीकार कर दिया। ईडी ने अस्वीकार करते हुए कहा कि ईडी की हिरासत में व्यक्ति के साथ पूछताछ शारीरिक रूप से/व्यक्तिगत रूप से किया जाना आवश्यक है।
शनिवार 12 मार्च को करीब नौ घंटे की ईडी पूछताछ के बाद एक बार फिर पूछताछ के लिए समन भेजा था। ईडी ने उनको 16 मार्च को पूछताछ के लिए तीसरी बार बुलाया था। दरअसल, ईडी का आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति में बदलाव साउथ ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए किया था। साउथ ग्रुप में के.कविता भी शामिल हैं। ईडी के अनुसार इस पूरे मामले में 292 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध लेन देन की गई है।
मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को स्पेशल कोर्ट ने 17 मार्च तक रिमांड दिया है। ईडी ने आरोप लगाया है कि मनीष सिसोदिया और अन्य लोगों ने आबकारी नीति बनाने में साउथ ग्रुप आदि को लाभ देने के एवज में 292 करोड़ रुपये से अधिक की लेनदेन की है। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने दिल्ली आबकारी केस में अरेस्ट किया था। तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद उनको 9 मार्च को ईडी ने अरेस्ट किया। 10 मार्च को ईडी के रिमांड पर भेज दिए गए। ईडी ने रिमांड पेपर में कहा कि मनीष सिसोदिया की संदिग्ध भूमिका दिल्ली आबकारी नीति बनाने में रही है। सिसोदिया और अन्य लोगों ने कम से कम 292.8 करोड़ रुपये की अवैध लेनदेन की है। सिसोदिया दोषपूर्ण आबकारी नीति बनाने में सक्रिय रहे और अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर साजिश रची व रिश्वत की लेन देन की है। सिसोदिया ने अपराध की आय के सृजन, हस्तांतरण, छुपाने में भूमिका निभाई है और इसे बेदाग के रूप में पेश किया है। पढ़िए ईडी ने रिमांड लेने के लिए क्या कोर्ट में कहा...
ED ने दावा किया कि शराब कार्टेल के 'साउथ ग्रुप' से 100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। एक आरोपी कंपनी, इंडोस्पिरिट्स ने 192.8 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। जानिए दिल्ली शराब नीति केस क्या है…