सार
नई दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा)उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के राज्य सभा के लिये 2017 में हुये निर्वाचन को चुनौती देने वाली भाजपा प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय में लंबित कार्यवाही पर रोक के लिये उनकी याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई की जायेगी।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा)उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के राज्य सभा के लिये 2017 में हुये निर्वाचन को चुनौती देने वाली भाजपा प्रत्याशी बलवंतसिंह राजपूत की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय में लंबित कार्यवाही पर रोक के लिये उनकी याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई की जायेगी।
मामले की 23 सितंबर को सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ अहमद पटेल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के अनुरोध पर इस मामले की 23 सितंबर को सुनवाई के लिये तैयार हो गयी। सिंघवी का कहना था कि यह मामला उच्च न्यायालय में 27 सितंबर के लिये सूचीबद्ध है।वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी और वरिष्ठ अधिवक्ता देव दत्त कामत ने कहा कि उच्च न्यायालय में आगे कार्यवाही शुरू होने पहले जरूरी है कि शीर्ष अदालत इस पर सुनवाई करे।पटेल ने उच्च न्यायालय में लंबित बलवंतसिंह राजपूत की चुनाव याचिका की विचारणीयता पर उच्चतम न्यायालय में सवाल उठाया है।पटेल के वकीलों का कहना था कि शीर्ष अदालत में चुनाव याचिका की विचारणीयता पर निर्णय होने तक उच्च न्यायालय में कार्यवाही पर रोक लगाने की आवश्यकता है।पटेल ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें राजपूत की चुनाव याचिका की विचारणीयता पर सवाल उठाने के आवेदन को रद्द कर दिया गया था।इससे पहले, शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के 26 अक्टूबर, 2018 के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुये कहा था कि राजपूत के आरोपों पर सुनवाई जरूरी है।अहमद पटेल ने उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ तीन अपील दायर की हैं जिन्हें शीर्ष अदालत ने 22 जुलाई को एकसाथ संलग्न कर दिया था।शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई जारी रहेगी और संबंधित पक्ष अपने साक्ष्य दर्ज करा सकते हैं।राजपूत ने चुनाव याचिका में दो बागी विधायकों के मतों को अमान्य करार देने के निर्वाचन आयोग के निर्णय को चुनौती दी है। उनका तर्क है कि यदि इन मतों की गणना की गयी होती तो उन्होंने पटेल को हरा दिया होता।गुजरात से राज्यसभा के लिये हुये चुनाव में निर्वाचन आयोग द्वारा कांग्रेस के बागी विधायकों भोलाभाई गोहेल ओर राघवजी पटेल के मतों को अमान्य करार देने के फैसले के बाद अहमद पटेल को विजयी घोषित किया गया था।
(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)