सार

भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पूरा देश इस महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहा है। भारत में कुछ ऐसे भी राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक स्थिति पर ना सिर्फ काबू पाते दिख रहे हैं, बल्कि उसे मात देने की भी पहल कर दी है। इन राज्यों ने अभी तक जागरुकता, कानूनी सख्ती और त्वरित निर्णयों से कोरोना पर काफी तक काबू पा लिया है।

नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पूरा देश इस महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहा है। भारत में कुछ ऐसे भी राज्य हैं, जिन्होंने अभी तक स्थिति पर ना सिर्फ काबू पाते दिख रहे हैं, बल्कि उसे मात देने की भी पहल कर दी है। इन राज्यों ने अभी तक जागरुकता, कानूनी सख्ती और त्वरित निर्णयों से कोरोना पर काफी तक काबू पा लिया है। ये राज्य कर्नाटक, केरल, ओडिशा, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ हैं। आईए जानते हैं ये राज्य किस तरह से रोल मॉडल जैसा काम कर रहे हैं।

1- कर्नाटक : तीसरे से 12वें नंबर पर पहुंचा
कर्नाटक में कोरोना का पहला मामला 11 मार्च को सामने आया था। बेंगलुरु आईटी हब होने के चलते यहां बड़ी संख्या में देशी विदेशी लोग रहते हैं। 28 मार्च को संक्रमण के 18 मामले मिले थे। संक्रमित केस के मामले में कर्नाटक अब 12वें नंबर पर हैं। यहां अब तक 215 मामले सामने आए हैं, वहीं अब तक 6 लोगों की मौत हुई है। 39 लोग ठीक हो चुके हैं। 
कैसे संभव हुआ- पिछले दिनों तक यहां सरकार ने लॉकडाउन में छूट दे रखी थी। दोपहर 2 बजे तक किराना, दूध सब्जी मिल रही थी। कॉलोनी में भी देर रात तक किराना स्टोर खुल रहे थे। लेकिन यहां के लोगों ने कोरोना को गंभीरता से लिया। सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारंटाइन का पालन किया। बिना किट पहने बाहर नहीं निकले। 

2- केरल- सबसे ज्यादा टेस्ट
भारत में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में ही सामने आया था। संक्रमण के केसों के मामले में केरल महाराष्ट्र के बाद दूसरे नंबर पर था। लेकिन अब यहां मरीजों की संख्या कम होती जा रही है। लोग भी ठीक हो रहे हैं। केरल में हर तीन गांव में 2 स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसलिए यहां हर संदिग्ध या ट्रैवल हिस्ट्री वाले को आइसोलेशन में रखा जा सका। होम क्वारंटाइन की अवधि को बढ़ाकर 28 दिन कर दिया गया। 9 अप्रैल तक देश में कुल 1 लाख 20 हजार टेस्ट हुए थे। इनमें से सबसे ज्यादा केरल में 12,710 हुए। केरल में 124 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां 1.7 लाख लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है।

3- ओडिशा- पहला राज्य, जिसमें कोरोना के लिए अस्पताल बनाया गया
ओडिशा भारत का ऐसा राज्य है, जहां कोरोना से निपटने के लिए सबसे पहले कदम उठाए। इसलिए यहां अब तक कोरोना के सिर्फ 54 मामले सामने आए हैं। इनमें से 12 ठीक भी हो चुके हैं। यहां सबसे पहले कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने 500-500 बेड के दो अस्पताल बनाए। इन अस्पतालों में अप्रैल के पहले हफ्ते से इलाज भी शुरू हो गया। साथ ही एमबीबीएस स्टूडेंट को भी कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई। यहां विदेश से आने वाले लोगों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल बनाया गया। इसमें 5 हजार लोगों ने रजिस्टर कराया। सभी को होम क्वरंटाइन रहने के लिए 15-15 हजार रुपए दिए गए। यहां 7 हजार आइसोलेशन वार्ड तैयार किए गए। लॉकडाउन में राशन और सब्जी की दुकानें 12 घंटे खोली गईं, जिससे भीड़ नहीं हुई। 

4- उत्तराखंड- जानकारी छिपाने वालोंं पर केस
उत्तराखंड में अब तक कोरोना के 35 मामले सामने आए हैं। 5 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां 2-6 अप्रैल तक 24 नए मामले सामने आए, ये सभी तब्लीगी जमात से हैं। यहां डीजीपी ने सख्त आदेश दिया था कि जो भी व्यक्ति जानकारी छिपाएगा, उस पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज होगा और जितने व्यक्ति उससे संक्रमित होंगे, उतने केस दर्ज होंगे। इस ऐलान के बाद छिपे हुए 182 लोगों में से 180 बाहर आ गए। 2 जमातियों को ढूंढकर उन पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया। 

5- छत्तीसगढ़: लॉकडाउन से पहले ट्रैवल हिस्ट्री वालों का पता लगाया 
छत्तीसगढ़ में कोरोना के 25 मामले सामने आए हैं। 9 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां पहला मामला 4 अप्रैल को सामने आया था। यहां लॉकडाउन के दौरान भी बाजार खुल रहे हैं। राज्य सरकार ने लॉकडाउन से पहले ही विदेश से आने वाले लोगों की जानकारी इकट्ठा कर ली थी। 1 जनवरी से 24 मार्च तक सभी विदेशी यात्रियों की डिटेल खंगाल ली गई।