सार
कोरोना की दूसरी लहर में भारत के ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में ओडिशा के गंजम जिले का एक गांव पूरे राज्य के लिए मॉडल ना हुआ है। 1234 लोगों की आबादी वाले करनजारा गांव में महामारी की शुरुआत से अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है।
भुवनेश्वर. कोरोना की दूसरी लहर में भारत के ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में ओडिशा के गंजम जिले का एक गांव पूरे राज्य के लिए मॉडल ना हुआ है। 1234 लोगों की आबादी वाले करनजारा गांव में महामारी की शुरुआत से अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है।
यहां तक कि यहां के रहने वाले लोगों में कोरोना का लक्षण भी नहीं दिखा है। यहां प्रशासन ने जनवरी में करीब 32 लोगों का कोरोना टेस्ट किया था, लेकिन सभी निगेटिव मिले थे।
डोर टू डोर हो रहा सर्वे
राज्य सरकार के नियमों के मुताबिक, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बुजुर्गों और हल्के लक्षणों वाले या बीमार लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए नियमित रूप से गांव में घर-घर जाकर सर्वेक्षण करती हैं। इन आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने गांव के लोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाई।
क्यों गांव तक नहीं पहुंचा कोरोना
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में गंजम जिले के कलेक्टर विजय कुलंगे ने गांव का दौरा किया था। वे बताते हैं कि गांव के लोग कोरोना को लेकर काफी जागरूक हैं और इससे बचने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यहां हर बच्चा और महिलाएं तक मास्क पहन रही हैं, इसके अलावा वे सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ध्यान देती हैं।
बिना काम के कोई गांव वाला नहीं निकलता बाहर
उन्होंने बताया कि गांव का कोई भी शख्स बिना जरूरी काम के घर से बाहर तक नहीं निकलता। इतना ही नहीं, महामारी की शुरुआत से ही, प्रशासन ने गांव में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को लेकर जानकारी दी है।
इतना ही नहीं इस गांव के कई युवा मुंबई में काम करते हैं। हालांकि, सभी नहीं लौटे थे। लेकिन जो युवा लौटे थे, वे पहले 14 दिन सेल्फ क्वारंटीन रहे थे, इसके बाद गांव में लौटे थे।