सार

गुजरात के भुज जिले में गर्ल्स हॉस्टल के बाहर मिले सैनेटरी पैड के बाद 68 लड़कियों के कपड़े उतरवाए गए थे, जिसपर काफी हंगामा हुआ। अब वैसा ही एक और मामला सूरत से सामने आया है। यहां नगर निगम की महिला ट्रेनी क्लर्क के जबरन कपड़े उतरवाकर प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया। 

सूरत. गुजरात के भुज जिले में गर्ल्स हॉस्टल के बाहर मिले सैनेटरी पैड के बाद 68 लड़कियों के कपड़े उतरवाए गए थे, जिसपर काफी हंगामा हुआ। अब वैसा ही एक और मामला सूरत से सामने आया है। यहां नगर निगम की महिला ट्रेनी क्लर्क के जबरन कपड़े उतरवाकर उसका प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं को बिना कपड़ों को घंटों इंतजार कराया गया।

क्यों करवाया गया टेस्ट?
सूरत की नगर निगम में 400 महिला ट्रेनी ने 3 साल तक 9 हजार रुपए की सैलरी पर काम किया। अब उन्हें परमानेंट करने के लिए सरकार के तरफ से टेस्ट के आदेश दिए गए थे। टेस्ट के लिए निगम ने महिला ट्रेनी को सरकारी अस्पताल सूरत नगर आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (Surat Municipal Institute of Medical Education and Research) भेजा गया था।

एक कमरे में महिलाओं को किया गया खड़ा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अस्पताल में एक कमरे में उन्हें ले जाया गया। जहां सभी के कपड़े उतरवाए गए। आरोप है कि कमरे का दरवाजा भी ठीक से बंद नहीं था। सिर्फ एक पर्दा लगाया गया था। वहां मौजूद अविवाहित महिलाओं से पूछा गया, क्या वे कभी गर्भवती हुई हैं। कुछ महिलाओं ने तो आरोप लगाए कि महिला डॉक्टरों ने उनके साथ बुरा व्यवहार किया।

बिना कपड़ों का घंटो करना पड़ा इंतजार
आरोप है कि ज्यादा महिलाएं होने की वजह से महिलाओं को बिना कपड़ों के घंटों इंतजार करना पड़ा। डॉक्टरों ने प्रेग्नेंसी से जुड़े सवाल पूछे। इस मामले में एसएमसी कर्मचारी संघ ने नगर निगम कमिश्नर के पास शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि सूरत नगर आयुर्विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान (Surat Municipal Institute of Medical Education and Research) में टेस्ट के नाम पर उनके साथ बुरा व्यवहार हुआ।