सार

वायनाड से सांसद राहुल गांधी की अगुआई में तीन सदस्यों ने टीम ने राष्ट्रपति से मिलकर 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा था। दावा किया गया था कि ये हस्ताक्षर किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ किए हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं को खुद ही नहीं पता कि यह अभियान कब से कब तक चलाया गया? इतना ही नहीं, कुछ नेताओं को तो ये भी नहीं पता कि आखिर कितने किसानों ने हस्ताक्षर किए? कौन से किसान इसमें शामिल हुए?

नई दिल्ली. वायनाड से सांसद राहुल गांधी की अगुआई में तीन सदस्यों ने टीम ने राष्ट्रपति से मिलकर 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा था। दावा किया गया था कि ये हस्ताक्षर किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ किए हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं को खुद ही नहीं पता कि यह अभियान कब से कब तक चलाया गया? इतना ही नहीं, कुछ नेताओं को तो ये भी नहीं पता कि आखिर कितने किसानों ने हस्ताक्षर किए? कौन से किसान इसमें शामिल हुए?

बिहार के कांग्रेस नेताओं का अलग-अलग जवाब
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले बिहार में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था, लेकिन बीच में विधानसभा चुनाव आ गया, जिसकी वजह से अभियान धीमा पड़ गया। उन्हें यह याद नहीं कि अभियान कब शुरू हुआ और कब खत्म किया गया। उन्होंने विस्तृत जानकारी के लिए प्रदेश प्रवक्ता से पूछने की बात कही। 

एक कांग्रेसी ने कहा- ऐसा कोई अभियान नहीं चला
जब यही सवाल कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा, उनकी जानकारी में ऐसा कोई अभियान नहीं चला है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो किसानों के मसले पर हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। 

कांग्रेस के मीडिया पैनल के सदस्य एवं विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा ने कहा, हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था। हालांकि उन्हें यह नहीं पता कि हस्ताक्षर का बंडल लेकर दिल्ली कौन गया था? 

प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा, हस्ताक्षर अभियान लंबे समय से चल रहा था लेकिन तारीख या महीना याद नहीं है। उन्हें कुछ खास नहीं पता है।