सार
सिंघु बॉर्डर पर चार किसान नेताओं की हत्या की साजिश रचने का दावा करने वाले शख्स ने पूरी तरह से यू टर्न ले लिया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, किसानों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नकाबपोश शख्स ने कहा कि उसने वीडियो पर जो बोला वह पूरी की पूरी स्क्रिप्ट थी, जिसे किसानों ने दिया था। उसने कहा कि किसानों ने उसे दो दिनों तक पीटा था और ट्रैक्टर मार्च को लेकर साजिश रचने की कहानी बताने के लिए कहा था।
नई दिल्ली. सिंघु बॉर्डर पर चार किसान नेताओं की हत्या की साजिश रचने का दावा करने वाले शख्स ने पूरी तरह से यू टर्न ले लिया है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, किसानों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नकाबपोश शख्स ने कहा कि उसने वीडियो पर जो बोला वह पूरी की पूरी स्क्रिप्ट थी, जिसे किसानों ने दिया था। उसने कहा कि किसानों ने उसे दो दिनों तक पीटा था और ट्रैक्टर मार्च को लेकर साजिश रचने की कहानी बताने के लिए कहा था।
नकाबपोश शख्स को लेकर किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उन्होंने ऐसे आरोपी को पकड़ा है, जो किसान नेताओं को गोली मारने आया था। उन्होंने बताया कि इनका मकसद 26 जनवरी के दिन होने वाले आंदोलन में व्यवधान डालना था।
आरोपी ने कहा था हत्या के लिए किसानों की फोटो भी दी
किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नकाबपोश व्यक्ति को भी पेश किया, जिसने दावा किया कि उनकी टीम के सदस्यों को कथित तौर पर 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए भेजा गया था। उसने कुछ पुलिसवालों के भी नाम लिए, जो इस प्लान में मिले हुए हैं। प्लान में मुताबिक, 26 जनवरी के दिन कुछ आरोपी पुलिस यूनिफॉर्म पहनकर रैली में शामिल हो जाएंगे। जिन चार किसान नेताओं की फोटोग्राफ दी गई थी, उन्हें स्टेज पर ही मारना था। जिस व्यक्ति ने हमें यह सब कहा, वह एक पुलिसवाला था।
दिल्ली पुलिस ने कहा- आरोपी की कोई शिकायत दर्ज नहीं
दिल्ली पुलिस ने कहा कि वे किसी भी नकाबपोश व्यक्ति को नहीं जानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक उनके पास कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। किसानों ने पकड़े गए किसान को हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया।
आरोपी के सारे दावों की मीडिया ने पोल खोल दी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नकाबपोश आरोपी का नाम योगेश है, जो हरियाणा के सोनीपत जिले का रहना वाला है। योगेश ने अपने बयान में सोनीपत के राई थाने के एसएचओ प्रदीप का नाम लिया था। लेकिन जब पड़ताल की गई तो पता चला कि राई थाने में प्रदीप नाम से कोई शख्स है ही नहीं। राई थाने के एसएचओ का नाम विवेक मलिक है, जो 7 महीने से यहीं पर तैनात है।