सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को असम पहुंचे। उन्होंने यहां के शिवसागर में जेरेंगा पठार में 1.06 लाख जमीन के पट्टों का वितरण किया। उन्होंने कहा, आज असम की हमारी सरकार ने आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है। 1 लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की एक बहुत बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।
दिसपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को असम पहुंचे। उन्होंने यहां के शिवसागर में जेरेंगा पठार में 1.06 लाख जमीन के पट्टों का वितरण किया। उन्होंने कहा, आज असम की हमारी सरकार ने आपके जीवन की बहुत बड़ी चिंता दूर करने का काम किया है। 1 लाख से ज्यादा मूल निवासी परिवारों को भूमि के स्वामित्व का अधिकार मिलने से आपके जीवन की एक बहुत बड़ी चिंता अब दूर हो गई है।
1- सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर क्या कहा?
"आज ही देश हम सबके प्रिय नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंति मना रहा है। देश ने अब तय किया है कि इस दिन की पहचान अब पराक्रम दिवस के रूप में होगी। हम सभी एक ऐसी संस्कृति के ध्वजवाहक हैं, जहां हमारी धरती, हमारी जमीन सिर्फ घास, मिट्टी, पत्थर के रूप में नहीं देखी जाती। धरती हमारे लिए माता का रूप है।"
2- सर्वानंद सोनोवाल सरकार की तारीफ की
"हम सभी एक ऐसी संस्कृति के ध्वजवाहक हैं, जहां हमारी धरती, हमारी जमीन सिर्फ घास, मिट्टी, पत्थर के रूप में नहीं देखी जाती। धरती हमारे लिए माता का रूप है। सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में यहां की सरकार ने आपकी इस चिंता को दूर करने के लिए गंभीरता के साथ काम किया।"
3- पुरानी सरकार की आलोचना, साधा निशाना
"असम में जब हमारी सरकार बनी तो उस समय भी यहां करीब-करीब 6 लाख मूल निवासी परिवार जिनके पास जमीन के कानूनी कागज़ नहीं थे। पहले की सरकारों में आपकी ये चिंता, उनकी प्राथमिकता में ही नहीं थी। आज असम के मूल निवासियों की भाषा और संस्कृति की संरक्षण के साथ-साथ भूमि से जुड़े उनके अधिकारों को सुरक्षित करने पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है।"
4- 2019 की नई लैंड पॉलिसी की तारीफ की
"2019 में जो नई लैंड पॉलिसी बनाई गई है, वो यहां की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है। असम की लगभग 70 छोटी-बड़ी जनजातियों को सामाजिक संरक्षण देते हुए, उनका तेज़ विकास हमारी सरकार की प्रतिबद्धता रही है। अटल जी की सरकार हो या फिर बीते कुछ सालों से केंद्र और राज्य में एनडीए की सरकार, असम की संस्कृति और स्वाभिमान की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता रही है। असमिया भाषा और साहित्य को प्रोत्साहन देने के लिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं। इसी तरह हर समुदाय के महान व्यक्तित्वों को सम्मान देने का काम बीते सालों में यहां किया गया है।"
5- असम के 35 लाख घरों में गैस कनेक्शन
"आज असम की करीब 35 लाख गरीब बहनों की रसोई में उज्जवला का गैस कनेक्शन है। इसमें भी लगभग 4 लाख परिवार SC/ST वर्ग के हैं। 2014 में जब हमारी सरकार केंद्र में बनी तब असम में LPG कवरेज सिर्फ 40 प्रतिशत ही थी। अब उज्जवला की वजह से असम में LPG कवरेज बढ़कर करीब-करीब 99% हो गई है।"
6- आत्मनिर्भर के लिए असम का विकास जरूरी
आत्मविश्वास तभी बढ़ता है जब घर-परिवार में भी सुविधाएं मिलती हैं और बाहर का इंफ्रास्ट्रक्चर भी सुधरता है। बीते सालों में इन दोनों मोर्चों पर असम में अभूतपूर्व काम किया गया है। आत्मनिर्भर भारत के लिए नॉर्थ ईस्ट का तेज विकास, असम का तेज विकास आवश्यक है। आत्मनिर्भर असम का रास्ता असम के लोगों के आत्मविश्वास से होकर गुजरता है।
7- पीएम मोदी ने श्रीमंत शंकरदेव का जिक्र किया
"श्रीमंत शंकरदेव जी का दर्शन, उनकी शिक्षा असम के साथ-साथ संपूर्ण देश, पूरी मानवता के लिए बहुत अनमोल संपत्ति है। ऐसी धरोहर को बचाने और उसका प्रचार प्रसार करने के लिए कोशिश हो, ये हर सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए थी। लेकिन बाटाद्रवा सत्र सहित दूसरे सत्रों के साथ क्या बर्ताव किया गया, ये आपसे छिपा नहीं है।"
8- चाय जनजाति को बैंक की सुविधाओं से जोड़ा गया
"सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास के मंत्र पर चल रही हमारी सरकार असम के हर हिस्से में, हर वर्ग को तेजी से विकास का लाभ पहुंचाने में जुटी है। चाय जनजाति को घर और शौचालय जैसी मूल सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। चाय जनजाति के अनेक परिवारों को भी जमीन का कानूनी अधिकार मिला है। चाय जनजाति के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। पहली बार उनको बैंक की सुविधाओं से जोड़ा गया है।"
9- असम शांति और प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा है
"समझौते के बाद हाल में बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के पहले चुनाव हुए, प्रतिनिधि चुने गए। मुझे विश्वास है कि अब बोडो टेरिटोरियल काउंसिल विकास और विश्वास के नए प्रतिमान स्थापित करेगी। असम के हर क्षेत्र की हर जनजाति को साथ लेकर चलने की इसी नीति से आज असम शांति और प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा है।"
10- पीएम मोदी ने बोडो समझौते का जिक्र किया
"ऐतिहासिक बोडो समझौते से अब असम का एक बहुत बड़ा हिस्सा शांति और विकास के मार्ग पर लौट आया है। आज हमारी सरकार असम की जरूरतों की पहचान करके, हर जरूरी प्रोजेक्ट्स पर तेज़ी से काम कर रही है।"
तीन प्वॉइंट में समझिए, असम को क्या मिलने वाला है?
1- "बीते 6 सालों से असम सहित पूरे नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी और दूसरे इंफ्रास्ट्रक्चर का अभूतपूर्व विस्तार भी हो रहा है, आधुनिक भी हो रहा है। लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में आधुनिक टर्मिनल और कस्टम क्लीयरेंस सेंटर का निर्माण हो, कोकराझार में रुपसी एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण हो, बोंगईगांव में मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब का निर्माण हो, ऐसी सुविधाओं से ही असम में औद्योगिक विकास को नया बल मिलने वाला है।"
2- "असम में जैसे-जैसे रेल और एयर ट्रांसपोर्ट दायरा बढ़ रहा है, लॉजिसिट्क्स से जुड़ी सुविधाएं बेहतर हो रही है, वैसे-वैसे यहां उद्योग और रोजगार की नई संभावनाएं बन रही हैं। आज जब देश गैस बेस्ड इकॉनॉमी की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है, तो असम भी इस अभियान का एक साझीदार है।"
3- "असम में तेल और गैस से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर बीते वर्षों में 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है। असम अब स्वास्थ्य और शिक्षा के हब के रूप में भी विकसित हो रहा है। एम्स और इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर जैसे संस्थान बनने से असम के युवाओं को आधुनिक शिक्षा के नए अवसर मिलने वाले हैं।"