सार
योगी आदित्यनाथ का जो फोटो केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, वह उत्तराखंड के पंचुर में उनके घर के सामने का है। तब योगी अजय सिंह के नाम से जाने जाते थे। अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव में हुआ था।
नेशनल डेस्क। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी (hardeep singh puri) ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का एक फोटो ट्वीट किया है। बचपन के इस फोटो में योगी हवाई चप्पल पहने हैं। मंत्री ने ट्वीट में लिखा - छोटे से गांव का साधारण सा बालक। तन पे पुराने कपड़े, पैरों में हवाई चप्पल, लेकिन मन में जन सेवा का संकल्प। साइंस में ग्रेजुएशन करके जन सेवा में पूर्णतः समर्पित होने के पहले की उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बचपन की एक फोटो। उत्तर प्रदेश चुनावों के बीच योगी का यह फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गया। हरदीप पुरी द्वारा पोस्ट किए गए इस फोटो पर काफी यूजर्स ने कमेंट किए हैं। इस फोटो को 4 हजार से ज्यादा लोगों ने रीट्वीट किया।
उत्तराखंड के घर के बाहर का है फोटो
योगी आदित्यनाथ का जो फोटो केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, वह उत्तराखंड के पंचुर में उनके घर के सामने का है। तब योगी अजय सिंह के नाम से जाने जाते थे। अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव में हुआ था। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट फॉरेस्ट रेंजर थे। 20 अप्रैल 2020 को योगी के पिता आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया।
26 की उम्र में सांसद बन गए थे योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ ने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया है। वह लोकसभा में पहुंचने वाले सबसे कम उम्र के सांसदों की सूची में भी शामिल हैं। योगी, 1998 में वह पहली बार सांसद चुने गए। 12वीं लोकसभा में जब वे सांसद बनकर पहुंचे तब उनकी उम्र महज 26 साल थी। इसके बाद आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार सांसद चुने गए। सितंबर 2014 में उनके गुरु महंत अवेद्यनाथ के समाधि लेने के बाद वह गोरक्षपीठाधीश्वर बने। 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद योगी ने गोरखपुर सांसद की सीट छोड़ी और मुख्यमंत्री बने। अभी वे विधान परिषद सदस्य हैं।
संसद में काफी सक्रिय रहते थे योगी
सीएम बनने से पहले योगी जब सांसद थे, तब वे संसद में काफी सक्रिय दिखते थे। कानून व्यवस्था से लेकर हर मुद्दे पर वे संसद में काफी मुखर रहते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर में उन्होंने काफी काम किया है। चौबीसों घंटे बिजली के साथ कानून - व्यवस्था भी सुधरी है। वर्तमान समय में यहां सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है।
1993 में लिया था संन्यास
वर्ष 1993 में गणित में एमएससी करने के दौरान अजय सिंह बिष्ट गुरु गोरखनाथ पर शोध करने के लिए गोरखपुर आए। यहां रहते हुए वह तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के संपर्क में आए। उनके तरुण मन पर महंत अवेद्यनाथ का काफी प्रभाव पड़ा। गोरक्षपीठाधीश्वर भी उनसे प्रभावित थे। संन्यास लेने के बाद उनका नाम योगी आदित्यनाथ पड़ा।
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