सार
कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। मंदिर से भी इससे अछूते नहीं हैं। भले ही गुजरात के मंदिर अनलॉक 2 के तहत खोल दिए गए, लेकिन अभी मंदिर में श्रद्धालु आने शुरू नहीं हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रद्धालुओं के न आने की वजह से गुजरात के तमाम मंदिरों की कमाई में 90 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
नई दिल्ली. कोरोना महामारी में लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। मंदिर से भी इससे अछूते नहीं हैं। भले ही गुजरात के मंदिर अनलॉक 2 के तहत खोल दिए गए, लेकिन अभी मंदिर में श्रद्धालु आने शुरू नहीं हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रद्धालुओं के न आने की वजह से गुजरात के तमाम मंदिरों की कमाई में 90 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
सावन में सोमनाथ मंदिर में भी भीड़ नहीं
कोरोना का डर इस तरह है कि सावन के महीने में भी सोमनाथ मंदिर में भी भीड़ नहीं है। प्रदेश में मंदिरों को हर महीने 3-4 करोड़ रुपए की आमदनी होने के बजाय अब सिर्फ 15 से 20 लाख रुपए की कमाई हो पा रही है। बता दें कि सोमनाथ मंदिर में करीब 650 कर्मचारी हैं, जिनके वेतन पर हर महीने करीब एक करोड़ रुपए खर्च होते हैं।
अंबाजी और द्वारकाधीश मंदिरों की घटी कमाई
सोमनाथ मंदिर के अलावा गुजरात की प्रसिद्ध शक्तिपीठ अंबाजी मंदिर में भी पर्यटकों की संख्या घटी है। जहां पहले अंबाजी मंदिर में हर महीने 5 करोड़ रुपए की आमदनी होती थी, वहां अब 30 लाख रुपए के आसपास पहुंच गए हैं।
- इतना ही नहीं, सौराष्ट्र के प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर में भी हर महीने 1 करोड़ रुपए की इनकम मिलती थी, वह घटकर 15 लाख रुपए पहुंच गई है।
23 मार्च से बंद थे मंदिर
बता दें कि 23 मार्च को लगे लॉकडाउन के बाद मंदिरों को बंद किया गया था। लेकिन गुजरात के देवस्थानों को 8 जून से फिर खोला गया।
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