सार

अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ ने गुरुवार को भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की सलाह दी है। साथ ही अमेरिका ने कहा कि कश्मीर को लेकर उसने अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया।

वॉशिंगटन. अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र संघ ने गुरुवार को भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की सलाह दी है। साथ ही अमेरिका ने कहा कि कश्मीर को लेकर उसने अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा, हमारा मानना है कि कश्मीर भारत और पाक का द्विपक्षीय मामला है। इसे दोनों देशों को शांति और बातचीत के साथ हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों देशों के बीच बातचीत का समर्थन करता है।

ऑर्टागस ने कहा, हमने दोनों पक्षों को शांत रहने और संयम बरतने के लिए कहा। हम मुख्य रूप से शांति और स्थिरता चाहते हैं। हम कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे बातचीत का समर्थन करते हैं।

कश्मीर पर भारत के फैसले को पाकिस्तान ने अवैध बताया
दरअसल, भारत ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस ले लिया था। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित राज्यों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। पाकिस्तान ने भारत के इस कदम का विरोध किया। पाक ने इस फैसले को एकतरफा और अवैध बताया था। साथ ही इमरान ने कहा कि वे देख रहे हैं कि कैसे इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में ले जाया जाए।

भारत और पाकिस्तान दोनों से हमारा जुड़ाव- अमेरिका
अमेरिका ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के साथ हमारा बहुत जुड़ाव है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान यहां आए थे, केवल कश्मीर मुद्दे को लेकर नहीं। बल्कि कई सारे ऐसे अहम मामले थे, जिनपर बातचीत हुई। ऑर्टागस से जब पूछा गया कि इमरान खान ने कश्मीर में मानवाधिकार हनन का आरोप लगाया है, इस पर उन्होंने जवाब दिया, "हम इस पर नहीं जाना चाहते कि उन्होंने क्या कहा, क्योंकि यह काफी कठिन मामला है। यह कुछ ऐसा है, जिसके बारे में हम उनसे काफी करीब से बात कर रहे हैं।

कश्मीर पर तीसरा पक्ष मध्यस्थता नहीं कर सकता- यूएन
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने को कहा। उन्होंने दोनों देशों से जम्मू-कश्मीर की स्थिति को प्रभावित करने वाले कदम ना उठाने की अपील की। गुटेरेस ने शिमला समझौते का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर तीसरा पक्ष मध्यस्थता नहीं कर सकता। गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि यूएन जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई भी फैसला शांतिपूर्ण तरीकों से ही किया जाना है।