सार

पश्चिम बंगाल के करीमपुर से बीजेपी प्रत्याशी को पीटा गया है। इस घटना में प्रत्याशी को लात घूसे से मारा गया है। बंगाल के तीन विधानसभा सीटों पर आज वोटिंग की जा रही है। इस दौरान बीजेपी नेता के साथ मारपीट करने वाले भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया है। 

कोलकाता.  पश्चिम बंगाल में तीन विधानसभा सीट पर जारी उपचुनाव में हिंसा की खबरें सामने आई हैं। जिसमें पश्चिम बंगाल के करीमनगर से बीजेपी प्रत्याशी को पीटा गया है। इस घटना में प्रत्याशी को लात घूसे से मारा गया है।  सोमवार को सुबह साढ़े 11 बजे तक 30.17 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि खड़गपुर सदर में 2.25 लाख मतदाता हैं और यहां पहले चार घंटे में 28 प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि, कालियागंज और करीमपुर में क्रमश: 31.25 फीसदी मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया है । उन्होंने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों के 801 मतदान केन्द्रों में मतदान जारी है। इन तीन विधानसभा क्षेत्रों में सात लाख से अधिक मतदाता 18 उम्मीदवरों की किस्मत का फैसला करेंगे। 

लगे वापस जाओ के नारे 

करीमपुर विधानसभा क्षेत्र में जब भाजपा उम्मीदवार तथा प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार मतदान केन्द्र पर पहुंचे तो राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ‘‘वापस जाओ’’ के नारे लगाए। पुलिस ने भीड़ को तितर-भितर करने के लिए लाठी चार्ज किया। तृणमूल के स्थानीय नेताओं ने मजूमदार पर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने का आरोप लगाया कालियागंज में भाजपा उम्मीदवार कमल चंद्र सरकार अपनी पत्नी को वोट डालने में मदद करते नजर आए। तृणमूल ने चुनाव आयोग को इसकी शिकायत की है। चुनाव निकाय ने कहा कि वह आरोपों की जांच कर रही है। खड़गपुर सदर और करीमपुर के विधायकों के इस साल लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ये सीटें रिक्त हुई थी जबकि कालियागंज के कांग्रेस विधायक प्रमथ नाथ रे के निधन के बाद यहां चुनाव कराना जरूरी था ।

18 उम्मीवार हैं मैदान में 

बंगाल की तीन सीटों पर कुल 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। तृणमूल कांग्रेस, बीजेपी, माकपा और कांग्रेस के प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं निर्दलीय भी चुनाव मैदान में उतरे हैं। कालियागंज सीट कांग्रेस विधायक प्रमथनाथ राय के निधन के बाद खाली हुई थी जबकि खड़गपुर सीट से पिछली बार विधायक चुने गए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने लोकसभा चुनाव जीतने की वजह से इस्तीफा दे दिया था. करीमपुर की तृणमूल विधायक महुआ मित्रा ने भी कृष्णनगर संसदीय सीट से जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद से यह सीटें खाली थीं.