सार
सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) पर तनाव कम करने के लिए आर्मी और डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत चल रही है, लेकिन चीन ने भूटान से लगे डोकलाम के पास अपने एच-6 परमाणु बॉम्बर और क्रूज मिसाइल को तैनात कर दिया है। इसे देखते हुए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है।
नेशनल डेस्क। सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में एलएसी (LAC) पर तनाव कम करने के लिए आर्मी और डिप्लोमैटिक लेवल पर बातचीत चल रही है, लेकिन चीन ने भूटान से लगे डोकलाम के पास अपने एच-6 परमाणु बॉम्बर और क्रूज मिसाइल को तैनात कर दिया है। इसे देखते हुए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना की क्षमता इतनी ज्यादा विकसित हो चुकी है कि वह चीनी सेना के किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब दे सकती है।
क्या कहा राजनाथ सिंह ने
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज भारतीय सेना चीनी सेना का जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा कि हमने रक्षा के क्षेत्र में काफी विकास कर लिया है और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि जो देश के खिलाफ आक्रामक नीति अपनाएगा, उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। राजनाथ सिंह दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिवस के मौके पर राजस्थान भाजपा के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
सैन्य साजो-सामान के मामले में देश है आत्मनिर्भर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जो देश अपने सैन्य साजो-सामान के लिए आयात पर निर्भर करता है, वह कभी भी मजबूत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना देश के आत्म-सम्मान और संप्रभुता से जुड़ा है। भारत रक्षा क्षेत्र से जुड़ी बड़ी कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार है और यह उन 3 देशों में शामिल है, जिन्होंने पिछले 8 वर्षों में सबसे ज्यादा सैन्य हार्डवेयर का आयात किया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि अब भारत ने इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है।
हथियारों और सैन्य प्रणालियों के आयात पर रोक
राजनाथ सिंह ने कहा सरकार ने 101 तरह के हथियार और सैन्य प्रणालियों के आयात पर 2024 तक रोक लगाई है। उन्होंने दीनदयाल स्मृति व्याख्यान को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि इस फैसले से भारत में हर साल 52,000 करोड़ रुपए के रक्षा उपकरणों के निर्माण का अवसर मिला है। रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही नई रक्षा उत्पादन एवं खरीद नीति लेकर आएगी।