सार
West Bengal News : धनखड़ ने कहा कि राज्य सरकार विधानसभा सत्र बुलाने के मामले में संविधान के मुताबिक काम नहीं कर रही है। इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत होती है, लेकिन मेरे पास जो पत्र भेजा गया था, उसमें सिर्फ सीएम के हस्ताक्षर थे। इसीलिए मैंने इसे वापस भेज दिया। अब वित्तीय मंजूरी के लिए फाइलें भेजी गई हैं, लेकिन यह विधानसभा सत्र के बिना नहीं मंजूर की जा सकती हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल (West Bengal Governor) जगदीप धनखड़ (jagdeep Dhankhar) ने अपने पास आईं वित्तीय मामलों की फाइलें वापस भेज दी हैं। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मैंने मंजूरी के लिए आईं वित्तीय मामलों से संबंधित फाइलों को वापस भेज दिया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक रूप से विधानसभा बुलाए जाने के बाद ही इन्हें मंजूर किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि वित्तीय मामलों पर तभी बात की जाएगी, जब राज्य मंत्रिमंडल विधानसभा बुलाने का निर्णय लेगा और इसकी अधिसूचना गजट में प्रकाशित की जाएगी।
ममता ने लगाया बेवजह देर करने का आरोप
उन्होंने 21 जनवरी, 2022 को जारी किए गए नोट के अनुपालन के लिए भी कहा। इस नोट में राज्य के फंड के बारे में जानकारी मांगी गई थी। इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि राज्यपाल समय पर बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करके सरकार के काम में अनावश्यक रूप से देरी कर रहे हैं।
क्या है मामला
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने 7 मार्च से विधानसभा सत्र बुलाने की सिफारिश धनखड़ के पास भेजी थी। इसे धनखड़ ने मंजूरी दिए बिना वापस कर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव संवैधानिक मानदंडों को पूरा नहीं करता है।
राज्यपाल ने कहा था संविधान राज्यपाल को कैबिनेट की सिफारिश पर सदन का सत्र बुलाने की अनुमति देता है। सरकार ने मुझे 17 फरवरी को एक फाइल भेजी थी, जिसमें 7 मार्च को विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की गई थी। हालांकि, उस पर केवल मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर थे। इस स्थिति में कैबिनेट के फैसले की भूमिका आवश्यक है।
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खून का घूंट पीकर काम कर रहा हूं
धनखड़ ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा था कि मैं खून का घूंट पीकर काम कर रहा हूं। उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पूरी मशीनरी मुझे बदनाम करने में लगी हुई है। पश्चिम बंगाल में शासन का आतंक है। यह दर्द है पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का। धनखड़ पहले भी कई बार कह चुके हैं कि पश्चिम बंगाल में न्याय का शासन नहीं है।
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