सार

कमेटी ने राज्य में हिंसा रोकने और सुरक्षा के लिए कई सुझाव दिए हैं। कमेटी ने स्थानीय स्तर पर केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने और उनकी संख्या बढ़ाने की सिफारिश की है।

 

BJP Fact finding report: बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव बाद हुए हिंसा पर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। शुक्रवार को कमेटी ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को रिपोर्ट सौंपी। कमेटी ने राज्य में हिंसा रोकने और सुरक्षा के लिए कई सुझाव दिए हैं। कमेटी ने स्थानीय स्तर पर केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करने और उनकी संख्या बढ़ाने की सिफारिश की है।

क्या है फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की सिफारिशें?

  1. केंद्रीय बलों को लोकल स्तर पर तैनात किया जाए
  2. राज्य के सभी बीजेपी दफ्तरों को सुरक्षा प्रदान की जाए
  3. सभी कमीशन राज्य का दौरा करें और शिकायतों का संज्ञान लेकर उस पर कार्रवाई करें
  4. राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती को एक्सटेंड किया जाए
  5. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पीड़ितों को न्याय दिलाने के साथ केंद्रीय जांच एजेंसियों केा उन मामलों की जांच सुपुर्द की जाए। ताकि न्याय की उम्मीद जगने पर बीजेपी के कार्यकर्ता वापस अपने घरों को लौट सके।
  6. राज्य में उन एरिया में लोगों की परेशानी बढ़ गई है जो लोग टीएमसी को वोट नहीं किए हैं। ऐसे क्षेत्रों में पानी की सप्लाई बाधित की गई है तो कहीं बिजली काट दिया गया है। साफ-सफाई नहीं हो रहा है, कूड़ों का ढेर लगाया जा रहा है। ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
  7. हिंसा प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद दी जाए।

कौन-कौन रहा फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में?

बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब थे। देब कमेटी के संयोजक थे। जबकि कमेटी में सदस्य के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रवि शंकर प्रसाद, यूपी के पूर्व डीजीपी व राज्यसभा सांसद बृजलाल, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार शामिल रहे। कमेटी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बनाई थी। दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा की खबरें सामने आई थी। इसके बाद वहां केंद्रीय बलों को कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया था।

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