सार

देश की संसद में पास हुए नए आपराधिक कानून, इस हड़ताल की वजह हैं। वह इसलिए क्योंकि नए आपराधिक कानून के तहत अब हिट एंड रन केस में सजा और जुर्माना काफी बढ़ा दिया गया है। गैर इरादतन हत्या के ऐसे मामले में सजा बढ़ाए जाने से ड्राइवर्स नाराज हैं।

What is New Hit and Run case: नए साल की शुरूआत के साथ ही देश भर में पेट्रोल-पंपों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। तमाम शहरों के पेट्रोल पंप पूरी तरह से ड्राई हो चुके हैं। आवश्यक सामानों की भी किल्लत होने का पूरा अंदेशा है। दरअसल, पेट्रोल से लेकर जरूरी सामानों को देश के एक कोने से दूसरे कोने तक ट्रांसपोर्ट करने वाले ड्राइवर्स हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल का सीधा असर आम जनमानस पर पड़ने लगा है। देश की संसद में पास हुए नए आपराधिक कानून, इस हड़ताल की वजह हैं। वह इसलिए क्योंकि नए आपराधिक कानून के तहत अब हिट एंड रन केस में सजा और जुर्माना काफी बढ़ा दिया गया है। गैर इरादतन हत्या के ऐसे मामले में सजा बढ़ाए जाने से ड्राइवर्स नाराज हैं।

क्या है नया आपराधिक कानून?

बीते दिनों भारत की संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आईपीसी और सीआरपीसी को बदलने के लिए बिल पेश किया। अधिकतर विपक्षी सांसदों के संसद में गैरमौजूदगी में बिल को आसानी से पास करा लिया गया। संसद में बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया। नए कानून भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन केस में सजा का प्राविधान काफी कड़ा है। आईपीसी की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता में अब सड़क दुर्घटना के मामलों में जुर्माना बढ़ाकर 10 साल तक कर दिया गया है। दरअसल, आईपीसी में सड़क दुर्घटना में गलती से किसी व्यक्ति की मौत होने पर अधिकतम दो साल की जेल का प्रावधान था लेकिन इसे बढ़ाकर दस साल कर दिया गया है।

जुर्माना और जेल का प्राविधान

भारतीय न्याय संहिता के अनुसार, कोई भी लापरवाही से या गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में न आने वाले केस में किसी भी व्यक्ति की मौत का कोई कारण बनता है तो उसे किसी भी अवधि के लिए कारावास की सजा दी जाएगी। इस अवधि को सात साल तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही उसे जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यदि अपराधी भाग जाता है या घटना की तुरंत रिपोर्ट करने में विफल रहता है तो कारावास की अवधि दस साल तक बढ़ सकती है। यही नहीं उस पर 7 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया जाएगा।

क्यों ड्राइवर कर रहे विरोध प्रदर्शन?

दरअसल, पूर्व में एक्सीडेंट होने के बाद आम तौर पर ड्राइवर्स पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज होता था और सामान्य सजा की वह पाते थे। कोई खास जुर्माना भी उनको नहीं देना पड़ता था। लेकिन अब उनको कठोर सजा और बड़ा जुर्माना भरना पड़ेगा। ट्रक ड्राइवर्स का मानना है कि नया कानून काफी कठोर है और इससे उनका सड़क पर चलना मुश्किल होगा। ट्रक ड्राइवर्स एसोसिएशन का मानना है कि नए कानून के मुताबिक, हिट-एंड-रन मामलों में 10 साल तक की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। लेकिन मामूली तनख्वाह वाले ड्राइवर इतनी बड़ी जुर्माना राशि कैसे दे सकते हैं?

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