सार
देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की याचिका पर मंगलवार 26 नवंबर को सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट आदेश सुनाएगा।
नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने 27 नवंबर बुधवार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा, राज्यपाल पहले प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करे, इसके बाद शाम 5 बजे तक विधायकों को शपथ दिलाएं। फ्लोर टेस्ट में गुप्त मतदान नहीं होगा, इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा। फैसला शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के पक्ष में माना जा रहा है, क्यों कि याचिका मेंं जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई थी।
जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि ये फैसला इस मामले में अंतरिम आदेश है। अभी इस मामले पर विस्तृत सुनवाई जरूरी है। बेंच ने कहा, राज्यपाल के अधिकार को लेकर भी कई बातें हुईं हैं, इनपर सुनवाई करना जरूरी है।
सोमवार को सुरक्षित रखा था फैसला
तीनों दलों की ओर से शनिवार की शाम सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर रविवार को सुनवाई हुई थी। जिसमें कोर्ट ने सोमवार को दस्तावेज पेश करने का आदेश दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सीएम देवेंद्र फडणवीस की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, अजित पवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने पक्ष रखा। वहीं, कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पैरवी की। सुनवाई शुरू होते ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्यपाल का पत्र सुप्रीम कोर्ट को सौंपा। उन्होंने पूछा कि क्या कोर्ट राज्यपाल के फैसले को पलट सकता है? उन्होंने राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों का हवाला भी दिया।
क्या थी मांग?
इस याचिका में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलाने के फैसले को चुनौती दी गई है। साथ ही इसमें जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग भी की गई थी।
फ्लोर टेस्ट से पहले तीनों पार्टियों ने किया शक्ति प्रदर्शन
इससे पहले सोमवार शाम को शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों का मुंबई में एक होटल में शक्ति प्रदर्शन हुआ। इसमें तीनों पार्टियों के विधायक पहुंचे। पार्टियों का दावा है कि उनके पास 162 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। उधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि ये कर्नाटक और गोवा नहीं है, ये महाराष्ट्र है यहां फ्लोर टेस्ट के वक्त मैं 162 से ज्यादा विधायक ले कर आऊंगा।