सार
न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) को ईडी ने गिरफ्तार किया है। उनके घर को जब्त किया गया है। ED ने सितंबर 2021 में प्रबीर के संपत्तियों की तलाशी ली थी।
नई दिल्ली। न्यूजक्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) को गिरफ्तार किया गया है। UAPA (Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत गिरफ्तार किए गए प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस ने बुधवार सुबह जज के सामने उनके घर पर पेश किया। जज ने पुरकायस्थ को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
प्रबीर इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं। वह बिजली, दूरसंचार और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में वैज्ञानिक पहल के समर्थक हैं। वह दिल्ली विज्ञान मंच के संस्थापक सदस्य हैं। प्रबीर ने विजय प्रसाद के सहयोग से "एनरॉन ब्लोआउट: कॉर्पोरेट कैपिटलिज्म एंड थेफ्ट ऑफ द ग्लोबल कॉमन्स" (लेफ्टवर्ड 2002) लिखा है। इसमें कॉर्पोरेट पूंजीवाद के दायरे और वैश्विक संसाधनों के विनियोग पर प्रकाश डाला गया है।
प्रबीर का घर दिल्ली के साकेत इलाके में है। ED (Enforcement Directorate) ने इस घर को न्यूज पोर्टल NewsClick से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत जब्त कर लिया है। ED ने सितंबर 2021 में प्रबीर के संपत्तियों की तलाशी ली थी।
नेविल रॉय सिंघम ने दिए थे NewsClick को पैसे
बीते दिनों द न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया था। इसमें आरोप लगाया गया कि NewsClick एक विश्वव्यापी नेटवर्क का हिस्सा है। इसे अमेरिकी टाइकून नेविल रॉय सिंघम से पैसे मिले हैं। सिंघम कथित तौर पर चीनी सरकार की मीडिया मशीनरी के साथ जुड़ा हुआ है। उसे चीनी सरकार से पैसे मिलते हैं।
ED ने जब्त की है 4.52 करोड़ रुपए की संपत्ति
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ED ने PMLA (Prevention of Money Laundering Act) के तहत NewsClick मामले में 4.52 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्ति को जब्त किया है। आरोप है कि यह संपत्ति गलत तरीके से मिले लाभ से जुटाई गई है। ED NewsClick संचालित करने वाली कंपनी को गलत तरीके से 86 करोड़ रुपए विदेश से मिलने की जांच कर रही है।
2021 में ईडी ने की थी छापेमारी
ईडी के अनुसार, कंपनी को जस्टिस एंड एजुकेशन फंड इंक यूएसए, द ट्राइकॉन्टिनेंटल लिमिटेड इंक यूएसए, जीएसपीएएन एलएलसी यूएसए और सेंट्रो पॉपुलर डी मिडास ब्राजील जैसी संस्थाओं से निर्यात के बदले 76.84 करोड़ रुपए, 1.61 करोड़ रुपए, 26.98 लाख रुपए और 2.03 रुपए लाख रुपए मिले। ये लेन-देन मार्च 2018 से लेकर 2021 तक हुए। 2021 में ईडी ने केस दर्ज कर छापेमारी की थी।
ईडी के अधिकारियों ने बताया था कि उन्हें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे पता चले कि NewsClick ने इन संस्थाओं को किसी सामान या सेवा का निर्यात किया हो। जांच एजेंसी को नेविल रॉय सिंघम, प्रबीर पुरकायस्थ, कई पत्रकारों और सीपीआई (एम) नेता प्रकाश करात से जुड़े ईमेल से सनसनीखेज जानकारी मिली थी। ये ईमेल निम्नलिखित विषयों पर आधारित थे-
- COVID महामारी के संबंध में चीन के रुख की वकालत करना।
- भारत में चल रहे कृषि विरोध प्रदर्शनों को समर्थन देना।
- भारतीय कम्युनिस्ट गुटों के साथ साझेदारी बनाना।
- चीनी नैरेटिव और सूचना का प्रचार-प्रसार।
- चीन और भारत के बीच सीमा पर टकराव को उचित ठहराना।
इसके अलावा, यह भी पता चला था कि नेविल रॉय सिंघम किस तरह चीनी अधिकारियों के इशारे पर काम कर रहा था। सिंघम ने कोरोना महामारी से निपटने के चीनी तरीके के पक्ष में माहौल बनाने के लिए अपने नेटवर्क का इस्तेमाल किया था।