सार
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर केंद्र व राज्य सरकारों को फटकार लगाई है। साथ ही तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि विस्फोटक के 15 बैग लाईए और उड़ा दीजिए।
नई दिल्ली. प्रदूषण से दो -दो हाथ कर रहे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व एनसीआर को प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है। वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर केंद्र व राज्य सरकारों को फटकार लगाई है। साथ ही तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि विस्फोटक के 15 बैग लाईए और उड़ा दीजिए। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि लोगों की जान को आप सस्ता समझ रहे आपको सत्ता में रहने का कोई हक नहीं। साथ ही केंद्र सरकार को भी लताड़ लगाई है और दोनों सरकारों का मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
लोगों को गैस चेंबरों में रहने के लिए किया जा रहा मजबूर
कोर्ट ने यह भी कहा कि क्यों लोगों को गैस चैंबरों में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है? उन सभी को एक बार में मारना बेहतर है। सुनवाई के दौरान हरियाणा के मुख्य सचिव ने कहा कि वे प्रदूषण कम करने के लिए दिन रात लगे हुए हैं। इस पर जस्टिस मिश्रा ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने में लगे हुए हैं। पराली जलाने से रोकने में विफल हरियाणा सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने सैटेलाइट इमेज का हवाला दिया जिसमें साफ तौर पर पराली जलते देखा जा सकता है। अंत में सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, लोगों को गैस चैंबर में रहने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है. अच्छा रहेगा उन्हें एक बार में ही मार दिया जाए।ऐसा विस्फोट करके किया जा सकता है। लोग इतना क्यों सफर कर रहे हैं?
झगड़े के कारण बढ़ी समस्या
इसके साथ ही दिल्ली के मुख्य सचिव ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्वीकार किया कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच दोहरे शक्ति केंद्रों और झगड़े के कारण दिल्ली को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट चाहता है कि केंद्र और दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली भर में स्थायी आधार पर स्मोक टावर लगाने के लिए 10 दिनों के भीतर एक व्यापक योजना तैयार करें। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र को निर्देश दिया है कि वे अपने मतभेदों को एक तरफ रखें और शहर के विभिन्न हिस्सों में एयर प्यूरिफाइंग टॉवर स्थापित करने के लिए 10 दिनों के भीतर योजना को अंतिम रूप दें।