सार

सरकारी अस्पतालों की दयनीय स्थिति हर आम लोगों के लिए चिंता का विषय है। लेकिन सरकारें अस्पतालों की स्थिति को लेकर गंभीर नहीं दिख रही हैं। जिसके बाद तेलंगाना के वारंगल में एक महिला अस्पताल में वेंटीलेटर देने के लिए अनूठी पहल कर रही है।  
 

वारंगल. तेलंगाना राज्य के वारंगल स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल उपकरणों की कमी से जूझ रहा है। इस अस्पताल को उपकरणों की खरीदी के लिए पैसा देने के लिए शहर में सहृदय ओल्ड एज होम चलाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता, एमडी याकूबी ने एक विशेष पहल शुरू की है। इसके एक भाग के रूप में, वह विभिन्न भूमिकाओं में 30 दिनों के लिए काम करने जा रही है और अस्पताल के लिए उपकरण खरीदने की दिशा में इन कामों के माध्यम से कमाए गए रुपयों को अस्पताल को दान करेंगी। 

याकूबी ने हनमकोंडा में यूनिवर्सिटी आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, सूबरी में एक जूता मरम्मत करने वाले की भूमिका निभाई, जूता पॉलिश करने और जूते सिलने का काम उन्होंने किया। दरअसल, वह वेंटिलेटर मशीन खरीद कर अस्पताल को दान करना चाहती हैं।

सरकारी अस्पताल में असुविधाओं का आभाव 

याकूबी ने कहा कि वह अस्पताल की स्थिति से परेशान थी जहां लोग सुविधाओं के आभाव में रह रहे थे। “अस्पताल में कोई वेंटिलेटर नहीं हैं जो उत्तरी तेलंगाना का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है। पूर्ववर्ती वारंगल, करीमनगर, आदिलाबाद और खम्मम जिले के लोग नियमित रूप से अस्पताल आते हैं। इसके साथ ही कार्डियोलॉजी वार्ड और पीडियाट्रिक वार्ड सहित कई विभाग परेशानी का सामना कर रहे हैं। अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि छत न होने के कारण लोगों को धूप में लाइन में खड़ा होना पड़ता है। ” उन्होंने कहा कि इन स्थितियों को देखने के बाद अस्पताल के लिए कुछ करने का फैसला किया है।

समाज के लिए कुछ करना हमारा दायित्व 

उन्होंने कहा कि समाज से मुझे क्या मिल रहा है इसे सोचने के बजाय, हमें  यह सोचना चाहिए कि हम समाज के लिए क्या कर सकते हैं। इस आदर्श वाक्य के साथ, मैंने यह काम किया है। जैसा कि हर दिन सैकड़ों लोग अस्पताल आते हैं, मुझे लगता है कि यहां की स्थिति के बारे में कुछ करना मेरा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह कदम सरकार की आंख खोलने वाला हो सकता है। याकूबी ने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द जवाब देना चाहिए और सुविधाओं में सुधार करके रोगियों को गुणवत्ता सेवाएं प्रदान करना चाहिए।