सार

एनालिटिक्स फर्म स्टेटिस्टा के अनुसार, भारत भर में खेल उद्योग का बाजार आकार 2020 में ₹16 बिलियन से अधिक था। देश में खेल उद्योग में मीडिया की अधिकांश खपत इंडियन प्रीमियर लीग से थी। हाल ही में हालांकि, प्रो कबड्डी और इंडियन सुपर लीग जैसी अन्य घरेलू लीगों ने भी लोकप्रियता हासिल की है।

स्पोर्ट्स डेस्क: आर्म रेसलिंग को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रो पंजा लीग (Pro Panja) समय के साथ-साथ अपने आकार को बढ़ा रही है। देश की पहली आर्म रेसलिंग लीग होने का दावा करने वाली प्रो पंजा लीग इस बार और मजबूती के साथ लौटने को तैयार है। लीग के आयोजकों ने माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू (Koo) के साथ भागीदारी की है। 

कू के साथ इस गठजोड़ के बाद अब प्रो पंजा लीग से जुड़ी सभी ताजा जानकारी फैंस को सोशल मीडिया के माध्यम से तुरंत ही मिल जाया करेगी। इसमें मैचों के आयोजन, खिलाड़ियों के ताजा इंटरव्यू के अलावा और भी कई जानकारियां शामिल होंगी। इसके अलावा इस ऐप पर लीग से जुड़ी सभी जानकारी स्थानीय भाषा में भी उपलब्ध करवाई जाएगी। 

कू ऐप से समझौते के बाद कंपनी ने कहा, "आर्म रेसलिंग फैंस के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने, उनसे संबंध बनाने और रियल टाइम के आधार पर उनसे बातचीत करने में सक्षम होगा।"

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प्रो पंजा लीग के सह-संस्थापक परवीन डबास ने कहा, "हम एक ऐसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ साझेदारी करना चाह रहे थे, जिसमें 'देसी' टच हो और जिसके माध्यम से कोई असली भारत तक पहुंच सके। मुझे खुशी है कि लीग के एथलीट जनता तक पहुंचने में सक्षम होंगे।" 

कू ऐप के प्रवक्ता ने कहा, "भारत कबड्डी, खो-खो और पंजा जैसे कई देशी खेलों के साथ एक समृद्ध खेल विरासत रखता है जो पूरे भारत और 'भारत' के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। एक मंच के रूप में, हम भारत की पेशकश की हर चीज का जश्न मनाते हैं। हम एक्शन से भरपूर प्रो पंजा लीग 2022 से जुड़कर रोमांचित हैं। हम निश्चित हैं कि भारत के सबसे प्रतिभाशाली आर्म रेसलर हमारे बहु-भाषा मंच का लाभ उठाते हुए स्थानीय भाषा में जुड़ने में सक्षम होंगे।" 

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प्रो पंजा लीग, इंडियन आर्म रेसलिंग फेडरेशन से संबद्ध है। अभिनेता परवीन डबास और प्रीति झंगियानी भारत में अतीत के एक लोकप्रिय खेल को औपचारिक रूप दे रहे हैं। ये देश भर के पंजा खिलाड़ियों को न केवल एक नाम बनाने के लिए एक मंच दे रहे हैं, लेकिन आर्थिक रूप से भी सुदृढ़ करने का काम कर रहे हैं। खेल की लोकप्रियता और व्यावसायिक व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ, लीग इस साल मेगा मैचों और रैंकिंग टूर्नामेंट के साथ-साथ फ्रेंचाइजी-आधारित फॉर्मेट का पालन करेगी। 

एनालिटिक्स फर्म स्टेटिस्टा के अनुसार, भारत भर में खेल उद्योग का बाजार आकार 2020 में ₹16 बिलियन से अधिक था। देश में खेल उद्योग में मीडिया की अधिकांश खपत इंडियन प्रीमियर लीग से थी। हाल ही में हालांकि, प्रो कबड्डी और इंडियन सुपर लीग जैसी अन्य घरेलू लीगों ने भी लोकप्रियता हासिल की है।

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