सार
हैदराबाद टीम के पास रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने 1993-94 में आंध्र के खिलाफ 944/6 का स्कोर बनाया था। इस सूची में दूसरे नंबर पर तमिलनाडु का नाम है, जिसने 1988-89 में गोवा के खिलाफ 912 रन बनाए थे। वहीं तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश टीम है जिसने 1945-46 के रणजी ट्रॉफी सीजन में भी कर्नाटक के खिलाफ 912 रन बनाए थे।
स्पोर्ट्स डेस्क: रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) के इतिहास में झारखंड-नागालैंड (Jharkhand vs Nagaland) का मैच कई कारणों से विशेष बन गया। झारखंड रणजी क्रिकेट टीम (Jharkhand Ranji Cricket Team) ने ईडन गार्डन्स में नागालैंड (Nagaland) के खिलाफ खेले गए मैच में एक ही पारी में 880 रन ठोक दिए। ये रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के इतिहास का चौथा सबसे बड़ा स्कोर है।
झारखंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। झारखंड के बल्लेबाजों ने अपनी पहली पारी में कुल 880 रन बनाए। इस स्कोर में एक बल्लेबाज का दोहरा शतक और दो अन्य ने शतक जमाकर रनों का पहाड़ खड़ा किया।
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कुमार कुशाग्र का दोहरा शतक
झारखंड के बल्लेबाज 203.4 ओवर तक क्रीज पर थे और तीसरे दिन 880 रन पर ऑल आउट हो गए। 17 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज कुमार कुशाग्र झारखंड टीम के लिए स्टार रहे। उन्होंने 266 रनों की विशाल पारी खेली थी। उन्होंने 269 गेंदों का सामना करते हुए पारी में 37 चौके और दो छक्के जमाए।
विराट सिंह और शाहबाज नदीम ने ठोकी सेंचुरी
इस पारी में अनुकुल रॉय ने तेज अर्धशतक भी जमाया लगाया। वहीं शाहबाज नदीम ने 304 गेंदों में 22 चौके और दो छक्कों की मदद से 177 रन बनाए। इसके अलावा विराट सिंह ने 155 गेंदों पर 13 चौकों की मदद से 107 रन बनाए। राहुल शुक्ला ने 149 गेंदों में 85 रनों की नाबाद पारी खेली।
हैदराबाद के नाम दर्ज है रणजी ट्रॉफी का सबसे बड़े स्कोर का रिकॉर्ड
हैदराबाद टीम के पास रणजी ट्रॉफी के इतिहास में सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने 1993-94 में आंध्र के खिलाफ 944/6 का स्कोर बनाया था। इस सूची में दूसरे नंबर पर तमिलनाडु का नाम है, जिसने 1988-89 में गोवा के खिलाफ 912 रन बनाए थे। वहीं तीसरे स्थान पर मध्य प्रदेश टीम है जिसने 1945-46 के रणजी ट्रॉफी सीजन में भी कर्नाटक के खिलाफ 912 रन बनाए थे।
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