सार
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) में कच्छ जिले की अंजर विधानसभा के लिए भी संभावित उम्मीदवारों ने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है।
कच्छ. गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) में कच्छ जिले की अंजर विधानसभा को भारतीय जनता पार्टी फिर से रिटेन करना चाहेगी। गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 में यहां बीजेपी के वासणभाई गोपालभाई ने कांग्रेस के वीके हुंबल को 11313 वोटों से पराजित किया था।
किसको कितने वोट मिले
1. बीजेपी के आहिर वासणभाई गोपालभाई को कुल 75331 वोट मिले। जो कुल वोटिंग का 48.24 प्रतिशत था।
2. कांग्रेस के वीके हुंबल को कुल 64018 वोट मिले। यह कुल वोटिंग का 40.99 प्रतिशत था।
3. आईएनडी के वीरा हरीभाई को कुल 4677 वोट मिले। यह कुल 2.99 प्रतिशत रहा था।
पिछले 5 चुनावों में कौन जीता कौन हारा
1. 2017 में बीजेपी के आहिर वासणभाई गोपालभाई ने 11313 वोटों के मार्जिन से जीत दर्ज की।
2. 2012 में बीजेपी आहिर वासणभाई गोपालभाई ने यह सीट 4728 वोटों से जीती।
3. 2007 में बीजेपी नीमबेन भावेशभाई आचार्य ने इस पर 17588 वोट से जीत दर्ज की थी।
4. 2002 में कांग्रेस के नीमबेन भावेशभाई आचार्य ने यह सीट 4079 वोट के मार्जिन से जीती।
5. 1998 में बीजेपी के आहिर वासणभाई गोपालभाई ने 5991 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया था।
अंजार का वोटिंग समीकरण
गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 के आंकड़ों को देखें तो विधानसभा में अनुसूचित जाति का कुल वोट 22 प्रतिशत से ज्यादा है। अनुसूचित जनजाति की संख्या 9 प्रतिशत है। विधानसभा क्षेत्र में हिंदू आबादी 80 प्रतिशत, मुस्लिम आबादी करीब 17 प्रतिशत है। विधानसभा में 1 फीसदी से भी कम संख्या ईसाइयों की है। राजनैतिक समीकरण के तौर पर एससी वर्ग का वोट निर्णायक साबित होता है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों से भाजपा 40 फीसदी से ज्यादा मतों को अपने पाले में खिंचती रही है। वहीं कांग्रेस दूसरे नंबर पर रहती है।
कच्छ का सबसे पुराना शहर
भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक कांडला बंदरगाह से करीब 40 किलोमीटर दूर अंजार कच्छ का सबसे पुराना शहर है। यहां कई ऐतिहासिक महत्व की इमारतें मौजूद हैं। माना जाता है कि इस शहर की स्थापना 650व ईसा पूर्व की गई थी। हालांकि आजादी के बाद राजनैतिक रूप से तो यह इलाका समृद्ध रहा लेकिन कुछ बुनियादी सुविधाओं की दरकार है। स्थानीय लोगों की मानें तो सड़कें और पीने के पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है। यहां बीजेपी ने पिछले पांच में से 4 चुनाव जीते हैं। जबकि कांग्रेस दूसरे नंबर पर होती है।
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