सार

उत्तराखंड के टिहरी जिले से सरकार के दावों की पोल खोलने वाली खबर सामने आई है। जहां एक 9 माह की गर्भवती महिला बारिश के दिनों में दर्द सहते हुए पूरी रात घने जंगलों में पदैल चल अस्पताल पहुंची। क्योंकि अस्पताल तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं है। जिससे बारिश के दिनों में वाहन आ जा सकें।

 

 

टिहरी (उत्तराखंड़). देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के टिहरी जिले से एक दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है, जो सरकार के दावों की पोल तो खोली ही रही है, लेकिन महिला की पीड़ा आपको हिलाकर रख देगी। यहां एक प्रसव पीड़ा से तड़प रही गर्भवती महिला ने बारिश के बीच घने जंगल में 5 घंटे तक अस्पताल पहुंची। क्योंकि दर्द इतना तेज था कि उसे तत्काल हॉस्पिटल ले जाना था, लेकिन गांव से अस्पताल बहुत दूर है और वहां तक पहुंचने के लिए सड़क भी नहीं है कि किसी वाहन के जरिए जा सके।

दर्द सहते हुए  5 घंटे का पैदल तय किया सफर
दरअसल, यह दर्दनाक कहानी टिहरी जिले के धनौल्टी इलाके के गोठ गांव की है। जहां अंजू देवी नाम की महिला गर्भवती है, उसे शनिवार देर रात अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जल्द से जल्द उसे अस्पताल ले जाना था। लेकिन वाहन नहीं पहुंचने के कारण वह अपने पति के साथ  . दर्द सहते हुए  5 घंटे का पैदल तय करके अस्पताल तक पहुंची। इसके बाद उसका इलाज हो सका।

 जंगल और उबड़-खाबड़ रास्तों पर चलती रही प्रूसता
बता दें कि जब कहीं से कोई रास्ता नहीं दिखा तो पति सोनू गौंड पत्नी अंजू देवी को लेकर पैदल निकल पड़ा। इस दौरान दोनों रात 11 बजे घर से निकले।  जंगल और उबड़-खाबड़ रास्तों से वह दर्द से कहारते हुए चलती रही, बीच में जब दर्द तेज हुआ तो वह वहीं पर बैठ जाते। किसी तरह सुबह 4 बजे वह धनौल्टी पहुंचे। फिर यहां उन्होंने फिर गाड़ी बुक की और सीधे मसूरी अस्पताल आ गए। जिसके बाद पहुंचते ही अंजू की डिलेवरी हो गई। उसने एक बेटे को जन्म दिया है। फिलहाल दोनों की स्थिति ठीक है।

पति ने बयां किया गांव का दर्द...कई लोगों की इस रास्ते पर हो चुकी है मौत
पति सोनू ने इस दर्दनाक पल का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया हुआ है। ताकि किसी तरह से उसकी पत्नी का दर्द यहां के जनप्रतिनिधियों और अफसरों तक पहुंच सके। उसका कहना है कि मैं नहीं चाहता हूं कि मेरी पत्नी की तरह कोई और महिला इस दर्द से गुजरे, इसलिए सरकार और प्रशासन से विनती है कि सड़क बनवा दीजिए। क्योंकि इस रास्ते पर कई लोग दम तोड़ चुके हैं। लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी। बता दें कि लग्गा गोठ ग्राम से धनौल्टी से लगा हुआ है जो कि  विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी के नाम से जानी जाती है। यहां घूमने के लिए दुनियाभर के लोग आते हैं। इस गांव में करीब 250 लोग रहते हैं। सभी ने कई बार सरकार से सड़क के लिए गुहार लगाई, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।

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