सार

यह मां शारदा का मंदिर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके में स्थित है। जहां आजादी के बाद से आजतक कोई नहीं पहुंच पाया था। भारतीय मूल के हॉन्ग कॉन्ग में रहने वाले दंपती केपी वेंकटरमन और उनकी पत्नी सुजाता ने वहां पहुचकर पूजा की है।

दिल्ली। नौ दिन तक चलने वाले देवी मां के नवरात्र सोमवार को पूरे हो गए। इस दौरान भक्त मां के दर्शन करने के लिए देश के कई मंदिरों में पहुंचे। लेकिन हम आपको बता रहे हैं पीओके के मां शारदा के मंदिर के बारे में जहां जाकर किसी ने 72 साल बाद इस शक्ति पीठ की पूजा-अर्चना की है। 

ऐसे pok के इस मंदिर तक पहंचा ये दंपति
दरअसल, यह मां शारदा का मंदिर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानि पीओके में स्थित है। जहां आजादी के बाद से आजतक कोई नहीं पहुंच पाया था। भारतीय मूल के हॉन्ग कॉन्ग में रहने वाले दंपती केपी वेंकटरमन और उनकी पत्नी सुजाता ने वहां पहुचकर पूजा की है। उन्होंने बताया यह पूजा 'सेव शारदा समिति' और पीओके के लोगों मदद से पूरी हुई है। 

सोशल मीडिया से जुटाई थी यहां की जानकारी
इस दंपति को खंडहर हो चुके इस शारदा पीठ तक पहुंचने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। क्योंकि वह भारतीय मूल के थे इसलिए उनको यहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। हालांकि बाद में एनओसी जारी कर दी गई। यह दंपति देवी जी के सभी शक्ति पीठ की दर्शन कर चुका है। उन्होंने बताया कि इस मंदिर के बारे में जानकारी उनको सोशल मीडिया के माध्यम से मिली थी।

पाकिस्तान का वीजा मिलने के बाद दंपति पहुंचा था यहां
पति-पत्नी ने इस पीठ के फाउंडर रविंद्र पंडित से ट्विटर के जरिए संपर्क किया था। फिर यह दंपित पाकिस्तान का वीजा मिलने के बाद 30 सितंबर को पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद पहुंचा था। फिर यहां की सरकार ने उनके सारे दस्तावेज की जांच करने के बाद उनको मंदिर में जाने की अनुमति दी गई। जहां वह स्थानीय दो लोगों की सहायता से इस शक्ति पीठ तक पहंचे।

इस शक्ति पीठ को दोबारा खोलने की मांग
बता दें कि यहां मंदिर जहां पर है, वहां आए-दिन गोलीबारी होती रहती है। क्योंकि देवी मां कि यह पीठ भारत-पाकिस्तान की सीमा पर है। जहां से कुछ दूरी पर दोनों देशों की सेना मौजूद रहती है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि करतापुर की तरह इस शक्ति पीठ को खोला जाना चाहिए।